रायपुर. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित गौठानों को आजीविका के केंद्र के रूप में विकसित करने वहां महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क बनाया जाएगा. राज्य के प्रत्येक विकासखंड में दो इंडस्ट्रीयल पार्क बनाए जाएंगे. इसे स्थानीय, शासकीय एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ग्रामीण उत्पादन एवं सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. दो अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया जाएगा. इसके लिए मुख्य सचिव ने सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेकर व्यापक दिशा-निर्देश दिए.

ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका एवं रोजगार को बढ़ावा देेने के उद्देश्य से इन इंडस्ट्रीयल पार्क में निजी उद्यमियों को उद्यम लगाने प्रोत्साहित किया जाएगा. महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अर्थात ग्रामीण आजीविका पार्क योजना के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में दो गौठानों को इंडस्ट्रीयल पार्क के लिए चयन किया जाए.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक रीपा में लिए जाने वाली गतिविधियों के लिए समेकित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तथा ब्लूप्रिंट तैयार कर प्रत्येक उद्यम के लिए पृथक-पृथक बिजनेस प्लान के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जाए और उद्यम स्थापित करने इच्छुक स्थानीय युवाओं, स्व सहायता समूहों को चिन्हांकित कर लिया जाए. बैठक में मुख्य सचिव ने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना के संबंध में कार्ययोजना के अनुसार कलेक्टर को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. रीपा के क्रियान्वयन के संबंध में प्रत्येक जिले में अब तक की गई कार्यवाही की विस्तार से जानकारी ली.

राज्य स्तर पर कार्ययोजना प्रस्तुतीकरण के लिए समय सारणी के अनुसार रायपुर संभाग के सभी जिलों को 19 सितंबर को, बस्तर संभाग के जिलों को 20 सितंबर, बिलासपुर संभाग के जिलों को 21 सितंबर को, दुर्ग संभाग के जिलों को 22 सितंबर को और सरगुजा संभाग के जिलों को 23 सितंबर को राज्य स्तर पर प्रस्तुतीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मिशन संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अवनीश शरण, नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. अयाज तम्बोली सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए.