मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। साहब! हम जिंदा हैं, हमें पेंशन दे दो। ये उन दो हजार पेंशनधारियों की फरियाद है, जिन्हें दो महीने से पेंशन नहीं मिल रहा है। दो हजार पेंशनधारी अब अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए नगर निगम के यहां चक्कर लगा रहे हैं।

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दरअसल सरकार की 600 रुपए पेंशन के लिए बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए जद्दोजहद कर निगम के चक्कर लगा रहे है। भैतिक सत्यापन के दौरान घरों पर नहीं मिलने वाले बुजुर्गाे की पेंशन दो माह से अटकी हुई है। जिसके चलते पेंशनधारियो को परेशानी हो रही है, दोबारा पेंशन शुरू करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। जबकि विभाग के पोर्टल पर भौतिक सत्यापन शत प्रतिशत होने का दावा किया जा रहा है।

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दरअसल राज्य सरकार की ओर से वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन की राशि खातों में डाली जाती है। योजनाओं का लाभ लेने वाले हितग्राहियों का सर्वे कर भौतिक सत्यापन कराया गया तो शहरी क्षेत्र में लगभग दो हजार से अधिक पेंशनधारियों की दो माह से पेंशन सत्यापन नहीं कराने के कारण अटकी पड़ी है। जिलेभर में 53 हजार 454 लोगों को विभिन्न योजनाओं में पेंशन का लाभ मिल रहा है। सर्वे के दौरान 53 हजार 445 पेंशनधारी जीवित मिले। वृद्ध महिलाओ ने कहा की हम जिन्दा है, इस लिए निगम में बताने के किये की हम जिन्दा है, हमें पेंशन दो।

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