हेमंत शर्मा, उज्जैन। पावन नगरी उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संतों, निवेशकों और युवाओं के समक्ष मध्यप्रदेश के भविष्य का एक विस्तृत खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि यह समिट केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के आत्मिक जागरण और आर्थिक विकास का संगम है।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरुआत परम पूज्य स्वामी सदानंद जी के अभिनंदन से की। उन्होंने कहा कि “मैं मध्यप्रदेश सरकार की ओर से स्वामी सदानंद जी का अभिनंदन करता हूं, वंदन करता हूं। इस आयोजन ने अध्यात्म, संस्कृति और निवेश – तीनों को एक साथ जोड़ने का कार्य किया है।”
21 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर, 30 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव
सीएम ने बताया कि फरवरी 2025 में हुए इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश को लगभग 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि करीब 21 लाख 40 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बनी है। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर, स्पिरिचुअल वेलनेस, आईटी, रियल एस्टेट और अन्य मंत्रालयों के माध्यम से यह निवेश मध्यप्रदेश को भविष्य का आर्थिक इंजन बना रहा है।
भारत का संभावनाओं से भरा MP
डॉ मोहन यादव ने जोर देकर कहा कि मध्यप्रदेश भौगोलिक दृष्टि से देश के बीच में है, जिससे यहाँ ट्रांसपोर्टेशन, व्यापार, और इन्फ्रास्ट्रक्चर को जबरदस्त बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अब राज्य में कुल 8 एयरपोर्ट हो चुके हैं, रेल और नेशनल हाइवे का जाल तेजी से फैल रहा है और व्यापारियों के लिए निवेश संबंधी पॉलिसियां भी सरल और सहयोगात्मक बन रही हैं। “आज गोवा के मुख्यमंत्री कह रहे थे कि होटल बनाने में हम 40% सब्सिडी देते हैं, और हमने कहा कि मध्यप्रदेश भी अब ऐसा ही करेगा। हमें केवल टूरिज्म नहीं, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थ सेक्टर में भी इन्वेस्टमेंट चाहिए,”
हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज के लिए नई नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज खोलने की नीति में भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब 25 एकड़ जमीन मात्र 1 रुपये में दी जाएगी, ताकि प्राइवेट सेक्टर आसानी से चिकित्सा सुविधा स्थापित कर सके।
गंगा दशहरा और पर्यावरण दिवस का अद्भुत संयोग
मुख्यमंत्री ने समिट में उपस्थित सभी को गंगा दशहरा और पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत के ऋषियों ने जिस ज्ञान को हजारों वर्ष पहले बताया था, अब वही दुनिया के वैज्ञानिक भी स्वीकार कर रहे हैं। “जगदीश चंद्र बोस ने साबित किया कि पौधों में प्राण होते हैं, लेकिन भारत के ऋषियों को यह पहले से पता था। आज पूरी दुनिया योग और नमस्कार सीख रही है – यही है हमारी सनातन संस्कृति की ताकत।”
महाकाल और ओंकारेश्वर – दो ज्योतिर्लिंगों की भूमि
उन्होंने आगे कहा कि उज्जैन और ओंकारेश्वर में स्थित दो ज्योतिर्लिंग सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारत की वेलनेस विरासत के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि वेलनेस का मूल भाव सिर्फ बीमार को ठीक करना नहीं, बल्कि बीमारी को आने से रोकना है।
उज्जैन से निवेशकों को दिया भरोसा
सीएम डॉ मोहन ने समापन में सभी निवेशकों और संतों से कहा कि प्रदेश सरकार निवेश और अध्यात्म – दोनों क्षेत्रों में पूरी मजबूती से साथ खड़ी है। उन्होंने डॉ. भंडारी और सुरेश सिंह भदौरिया जैसे निवेशकों का उदाहरण देकर बताया कि कैसे हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट्स तेजी से आकार ले रहे हैं।
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