चमोली. जिले के एक जवान नारायण सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद उनके गांव कोलपुड़ी पहुंचेगा. नारायण सिंह 56 साल पहले एक विमान दुर्घटना का शिकार हो गए थे. जिसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था. अब सेना के अधिकारियों ने परिवार वालों को उनकी जानकारी दी है. 4 सितंबर को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा, जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में भारतीय वायुसेना का AN-12 विमान 1968 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. ये वहीं विमान है, जिसमें नारायण सिंह भी सवार थे. घटना के बाद विमान में सवार किसी भी जवान की कोई जानकारी नहीं मिली थी, लेकिन अब 56 साल बाद सेना के अधिकारियों को 4 जवान के अवशेष मिले हैं. जिसमें जवान नारायण सिंह भी शामिल हैं.
कैसे हुई जवान नारायण सिंह की पहचान?
सेना के अधिकारियों को जवान नारायण सिंह के जेब में एक कागज मिला है, जिसमें उनका और उनकी पत्नी का नाम लिखा हुआ है. इतना ही नहीं बर्फ में दबे जवान नारायण सिंह के वर्दी में भी उनका नाम लिखा था. जिसकी बदौलत उनकी पहचान की गई है. हालांकि, डीएनए सैंपल भी लिया गया है.
42 साल पत्नी ने किया इंतजार
जवान नारायण के लापता होने के बाद उनकी पत्नी ने 42 साल तक उनकी राहें तकी, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. जब जानकारी सामने आई तब तक वे उनको देखने के लिए इस दुनिया में मौजूद नहीं हैं. उनका 2011 में निधन हो चुका है.
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