देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन, देहरादून में सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा प्रदत्त प्रशस्ति पत्र एवं पदकों से आकांक्षी जनपद कार्यक्रम एवं आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों एवं विकासखंडों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने Uttarakhand at 25: A Himalayan State With Infinite Possibilities पुस्तक का विमोचन भी किया।

नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी जनपद कार्यक्रम के अंतर्गत तय मानकों की पूर्णता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए उत्तराखण्ड के जनपद ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार को पुरुस्कृत किया गया । आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम के अंतर्गत उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाले गदरपुर, मोरी और स्याल्दे विकासखण्डों को भी पुरस्कृत किया गया।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आकांक्षी जिला एवं आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, सामाजिक विकास एवं वित्तीय समावेशन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि इस योजना के अंतर्गत नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी जनपदों की रैंकिंग में हरिद्वार जनपद को वर्ष 2022 में देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं विकासखण्डों की श्रेणी में गदरपुर, मोरी और स्याल्दे ने सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का समग्र विकास हो रहा है। राज्य सरकार – सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के मंत्र के साथ राज्य के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखण्ड बनाने की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। इस समिट में ₹ 3.56 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन हुए थे, जिसमें से ₹ 1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को ग्राउंडिंग हो चुकी है। साथ ही उद्योगों के लिए लाइसेंसिंग प्रोसेस को आसान बनाते हुए सिंगल विंडो सिस्टम को विकसित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक जनपद, दो उत्पाद, हाउस ऑफ हिमालयाज, स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन,नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखण्ड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी योजनाएं संचालित हैं। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज के माध्यम से पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान दिलाने का काम किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में प्रदेश का शानदार प्रदर्शन रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हमारा प्रदेश अचीवर्स श्रेणी में रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर, राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है। भारत सरकार के राज्य खनन तत्परता सूचकांक में उत्तराखण्ड को श्रेणी–सी में देश में दूसरा स्थान मिला, जो संसाधनों के पारदर्शी और सक्षम प्रबंधन का प्रमाण है।