देहरादून. मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची. यहां दर्जनों घर बह गए. जिसका खौफनाक वीडियो भी सामने आया था. तबाही का मंजर देख सभी का दिल दहल उठा. बादल फटने से कई घर, होटल और होम स्टे ताश के पत्तों की तरह बिखर गए. घटना में 100 से अधिक लापता होने की जानकारी है. वहीं अब तक 5 लोगों की लाश बरामद की जा चुकी है. घटना में 10 जवान भी लापता बताए जा रहें हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. हालांकि, पहली दफा ऐसी दिल दहला देने वाली घटना उत्तराखंड से नहीं आई है, इससे पहले भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जिसने पूरे देश को दहलाकर रख दिया था.
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2004 से लेकर 2023 के बीच कुदरत का तांडव
6 जुलाई साल 2004 को चमोली जिले बद्रीनाथ क्षेत्र में तबाही का मंजर देखने को मिला था. जहां बादल फटने की वजह से हाहाकार मच गया था. घटना में 17 लोग की मौत हुई थी. वहीं 5000 यात्री फंस गए थे. जो अभी तक लोगों के जहन में बसी हुई है. इस घटना के लगभग 8 साल बाद 3 अगस्त 2012 को फिर से उत्तराखंड में कुदरत का कहर बरपा. इस बार कुदरत ने अपना रौद्र रूप उत्तरकाशी जिले में अस्सी गंगा में दिखाया, जहां बादल फटा था और तबाही आई थी. इस तबाही में 35 लोगों की मौत हो गई थी.

केदारनाथ में 6,054 लोगों की मौत
तबाही का सिलसिला थमा नहीं और फिर 13 सितंबर 2012 को रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ में बादल फटा. इस घटना में 69 लोगों ने अपनी जान गंवाई. उसके बाद 16 जून 2013 उत्तराखंड में केदारनाथ में चौराबाड़ी झील फटने से आई महातबाही में 5000 से ज्यादा लोगों की ‘मौत की आशंका’ जताई गई थी. बाद में मृतकों की संख्या 6,054 बताई गई. मृतकों में ज्यादातर तीर्थयात्री थे. केदारनाथ में आई तबाही के निशान आज भी देखने को मिलते हैं, जो हर किसी को झकझोर देती है. उसके बाद 1 जुलाई 2016 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के बस्तरी और नौलरा में बादल फटने से मलबा आ गया. जिसकी चपेट में आने से 22 लोगों की मौत हुई थी.

2021 में आई तबाही में 204 जिंदगियों की चढ़ी भेंट
14 अगस्त 2017 को पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के सिमखोला गाड़ व मालपा गाड़ में बाढ़ से 27 लोगों की मौत हो गई थी. 12 अगस्त 2019 को उत्तराखंड के चमोली के घाट क्षेत्र में बादल फटने से कम से कम 6 लोगों की मौत हुई थी. 18 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में बादल फटने से तकरीबन 21 लोगों की मौत हो गई थी. 19 जुलाई 2020 को पिथौरागढ़ के मदकोट और टांगा में बादल फटने से 3 लोगों की मौत हुई. 20 जुलाई 2020 को पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से टांगा गांव में 11 लोगों की मौत हुई थी. 18 अगस्त 2020 को उत्तरकाशी जिले के मोरी गांव में बाढ़ से 12 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 7 फरवरी 2021को चमोली जिले ऋषि गंगा नदी घाटी में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान 204 मृतकों में से केवल 80 शव ही बरामद किए जा सके और 124 लोगों के शव अभी भी लापता हैं. 18 जुलाई 2021 को उत्तरकाशी जिले में मांडो गदेरा उफान आने से 4 लोगों की मौत हो गई थी. 30 अगस्त 2021 को पिथौरागढ़ के धारचूला के जुम्मा गांव में 7 लोगों की मौत हुई थी. 20 जुलाई 2022 को चमोली जिले में फूलों की घाटी में बाढ़ आने से 163 पर्यटक फंस गए थे. नवम्बर 2023 में उत्तरकाशी के सिलकराया टनल में 47 मजदूर फंसे थे.
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