देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देहरादून का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल “दून हॉस्पिटल” आज सरकारी लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। जिस न्यूमेटिक सिस्टम पर दो करोड़ रुपये से अधिक की जनता की गाढ़ी कमाई खर्च की गई थी, वह महीनों से ठप पड़ा है। यह सिस्टम अस्पताल में रक्त जांच जैसे जरूरी सैंपल को विभागों तक पहुंचाने के लिए लगाया गया था ताकि मरीजों को राहत मिले, लेकिन सरकार और अस्पताल प्रशासन की उदासीनता के कारण आज मरीज और तीमारदार दर-दर भटक रहे हैं।

जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रहा

करन माहरा ने कहा कि ऑपरेशन थिएटर से लेकर ब्लड बैंक तक, हर विभाग इस सिस्टम की खराबी से जूझ रहा है। नतीजा यह है कि जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही, ऑपरेशन टल रहे हैं, गंभीर मरीज तकलीफ झेल रहे हैं। यह वही सरकार है जो हर मंच से डिजिटल उत्तराखंड और स्मार्ट हेल्थ सिस्टम की बातें करती है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि करोड़ों का उपकरण धूल खा रहा है और प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता।

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स्वास्थ्य सिस्टम अब तक दुरुस्त नहीं

करण माहरा ने आगे कहा कि लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सिस्टम को अब तक दुरुस्त नहीं किया गया यह सवाल उठाता है कि आखिर यह पैसा गया कहाँ? साफ़ है कि सरकार की प्राथमिकता जनता की सुविधा नहीं बल्कि ठेकेदारों की जेबें भरना बन चुकी है। सर्जरी और पीडिया विभाग में रोज़ाना सैकड़ों मरीज परेशान हैं, कतारों में खड़े हैं, रिपोर्ट के इंतज़ार में घंटों बिताते हैं और सरकार की तरफ़ से कोई जवाबदेही नहीं। यह केवल सिस्टम की नाकामी नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की विफलता है।

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मरीजों को बुनियादी सुविधा नहीं दे पा रही

जनता यह पूछना चाहती है कि जब करोड़ों का सिस्टम ठप पड़े और कोई जवाब न दे, तो जिम्मेदार कौन है? यह वही सरकार है जो विज्ञापनों में विकास दिखाती है, लेकिन अस्पतालों में मरीजों को बुनियादी सुविधा तक नहीं दे पा रही। आखिर स्वास्थ्य व्यवस्था किसके लिए है? जनता के लिए या ठेकेदारों और भ्रष्टाचार के लिए?