प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। छत्तीसगढ़ निमार्ण को लगभग 17 साल पूरे होने जा रहे है,जिसमे से 14 साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार के है.इन 14 सालो मे भाजपा के नुमाइंदे यह कहते नही थक रहे है की उनकी सरकार ने प्रदेश का कायाकल्प कर दिया है.गांवो से लेकर शहरों तक विकास की मयार बह रही है. खासकर कृषि, शिक्षा ओर स्वास्थ्य को लेकर यह सरकार काफी संवेदनशील है.
लेकिन सरकार के इन दावो की पोल तो खुद मुख्यमंत्री के गृह जिला कवर्धा के बटुराकछार गांव स्थित यह प्रायमरी स्कूल खोल रही है.पहली बार में इसे देखने से तो लगता ही नही है की यहा कोई पाठशाला संचालित होती होगी.इस पाठशाला मे यहा दिवारें तो है लेकिन उस पर छत नही है.छत की जगह दो-तीन लोहे की पाईप है. इन पाईपो पर लटका हुआ पंखा इस छत की शोभा बढ़ा रहा है और इसी के नीचे जान जोखिम में डालकर देश की युवा पीढ़ी शिक्षा प्राप्त कर रही है. इस स्कूल के जर्जर हालत को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा की यहा कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है जिसमें काफी जानोमाल की हानि हो सकती है.
इस स्कूल मे आज भी बच्चे अपने जान जोखिम में डालकर पढाई कर रहे है, यहा पढने बच्चे ज्योति और दिलहरण ने बताया की बरसात होने पर पूरे कमरा पानी से भर जाता है.जिससे उनकी जान भी आफत में पड जाती है.तेज हवा के कारण कभी भी इस स्कूल की बाकि की भी छत गिर सकती है और यदि ऐसा हुआ तो उन्हे गंभीर चोट भी लग सकती है।गर्मी मे भी उन्हे कक्षा मे छत ना होने के कारण तपती धूप मे पढना पडता है.
स्कूल के प्रधानपाठक राजेन्द्र कुमार ने बताया की इस मामले को लेकर कई बार स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य ने उच्चाधिकरियों सहित संसदीय सचिव द्वारा जारी वाट्सअप नंबर पर शिकायत भी की है.पिछले तीन साल से शाला प्रबंधन से प्रस्ताव तैयार कर इसे बनवाने डीईओ को भेजा है.इसके बाद भी अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं नही हुआ.जब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सीएम धुरव से बात की तो उन्होने बताया की स्कूल भवन के जर्जर होने की शिकायत मिली है. जिसके लिए स्टीमेट तैयार कर लिया गया है जल्द ही भवन तैयार करने काम किया जायेगा।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कारण है की बार बार शिकायतो के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग की नजर इस जर्जर स्कूल की ओर नही पड़ी.क्या कारण है की करोणो रूपये का बजट होने के बावजूद शिक्षा विभाग ने इस जर्जर भवन को बनाना जरूरी नही समझा या यू कहे की शिक्षा विभाग यहा किसी अनहोनी होने की राह जोह रहा है जिसके बाद उनके द्वारा स्कूल का जिर्णोधार किया जायेगा.अब देखने वाली जिला शिक्षा अधिकारी के आश्वासन के बाद इस स्कूल का जिर्णोधार होता है या नही क्योकि पिछले तीन सालो से यह स्कूल इसी तरह बिना छत के संचालित हो रहा है और शासन के पिछले तीन साल के रवैये को देखते हुए तो यही लग रहा है की आगे भी यह स्कूल इसी तरह से संचालित होगा.