नई दिल्ली. अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली उर्फ डैडी ने गांधी विचारधारा की परीक्षा में टॉप किया है. यह परीक्षा नागपुर के सेंट्रल जेल में 1 अक्टूबर को ली गई थी. गांधी विचारधारा पर आधारित परीक्षा में गवली ने 80 में से 74 नंबर प्राप्त किया है. 2017 को हुई परीक्षा में स्वैच्छिक रूप से 160 कैदियों ने भाग लिया था. बता दें कि अरुण गवली वर्तमान में जेल उम्रकैद की सजा काट रहा है.
जेल में कैदियों का शिक्षा से मन परिवर्तन कराने के लिए सर्वोदय आश्रम द्वारा गांधी विचारधारा की परीक्षा को प्रोत्साहन दिया गया है. हर वर्ष जेल के अनेक कैदी परीक्षा में भाग लेते हैं. नागपुर सेंट्रल जेल में बंद अंडरवल्ड डॉन अरुण गवली ने अब शिक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. 1 अक्टूबर को गांधी विचारधारा पर आधारित परीक्षा में 80 में से 74 नंबर लाकर यानी 90 प्रतिशत से ज्यादा नंबर पाकर टॉप करने वाला डॉन बीए कोर्स से समाजशास्त्र की पढाई कर रहा है. जिसका एग्ज़ाम वो दिसंबर में देने वाला है.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जेल में बंद कैदियों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास बीते लंबे वक्त से कर रहा है. जेल में बंद हजारों कैदी अब तक इग्नू से विभिन्न विषयों में डिग्री ले चुके हैं. गौरतलब है कि डॉन गवली 12 वीं पास नहीं है और किसी भी ग्रेजुएशन कोर्स के बारहवीं या उसके समकक्ष के पाठ्यक्रम में पास होना जरुरी है. लेकिन इग्नू में विशेष प्रावधान के तहत ग्रेजुएशन कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करने की व्यवस्था की है. इसी व्यवस्था के तहत जेल में बंद गवली ने जुलाई 2017 में एंट्रेंस एग्जाम दी. जिसमें वो पास हुआ और उसके बाद वो समाजशास्त्र की पढाई कर रहा है. इसकी प्रथम वर्ष की परीक्षा वो दिसंबर 2018 में देने वाला है.
इस बार भी इस परीक्षा का आयोजन किया गया. इसमें 160 कैदियों ने सहभागिता दर्ज की. उनको अध्यन के लिए गांधी विचारधारा की किताबें उपलब्ध कराई गई. नागपुर के अंडा सेल में सजा भुगत रहे डॉन अरुण गवली ने भी ये परीक्षा दी. गवली को उपलब्ध कराए गए साहित्य से उसने गांधी की विचारधारा को अपनाया और यह परीक्षा पहले स्थान के साथ पास की. कुछ ही दिनों में जेल में आयोजित समारोह में अरुण गवली को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा.
बता दें कि महात्मा गांधी की विचारधारा अहिंसा पर आधारित है. अंग्रेजों में भी उनका खौफ था. अरुण गवली के जीवन की पृष्टभूमि आपराधिक रही है. लेकिन परीक्षा के बहाने ही सही, डॉन अब गांधी विचारधारा से जुड़ गया है. वहीं कहा जा रहा है कि, परीक्षा में पास होना और विचारधारा को प्रत्यक्ष आचरण में लाना दोनों में अंतर है.