रायपुर. राजधानी के भांटागांव स्थित यूनिहोम्स के निवासियों ने यूनिटेक बिल्डर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है.निवासियों ने बताया कि तीन महीने पहले बिल्डर के खिलाफ रेरा में शिकायत की थी लेकिन रेरा ने कोई कार्रवाई नहीं की. बिल्डर के ऊंचे पहुंच के चलते मामले की जांच तक नहीं की गई. यूनिहोम्स के निवासियों ने कहा कि अगर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो आगे आंदोलन को मजबूर होंगे.

दरअसल, यूनिटेक बिल्डर पर आरोप है कि उसके झूठे वादों और करतूतों के चलते रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है. जिन वादों के साथ लोगों को बिल्डर ने मकान बेंचे थे, उन्हें वो पूरा नहीं कर रहा है. यही नहीं धोखाधड़ी कर परिसर के अंदर ही एक अलग टाउनशिप डेवलप की जा रही है. यूनिहोम्स के निवासियों ने यूनिटेक बिल्डर के खिलाफ रेरा में केस भी दर्ज कराया है, पर 3 माह बीत जाने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली है.  बिल्डर ने अपने रसूख और पैसों के दम पर अपने सारे अवैध कामों को कानूनी जामा पहना रहा है. हमेशा की तरह बिल्डर ने कानूनी दांवपेंचों के जरिए लोगों को ठगा है. करीब 5 साल से यह पॉश कॉलोनी आबाद है, यहां इस वक्त 100 से ज्यादा परिवार रह रहे हैं. यहां करीब 1-1 करोड़ की कीमत में लोगों ने बंगले खरीदे हैं, जिसके लिए ये सोचकर उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई खर्च की है. बाकी की जिंदगी चैन के साथ गुजार सकेंगे पर यूनिटेक बिल्डर ने शरुआत से ही लोगों को झांसे दिए.

खरीददारों को दूसरी टाउनशिप की नहीं दी जानकारी 

खरीददारों को ये नहीं बताया कि कॉलोनी कैंपस के अंदर ही एक दूसरा बिल्डर अपना अलग टाउनशिप विकसित करेगा और जाने-आने के लिए वा यूनिहोम्स का मुख्य मार्ग इस्तेमाल करेगा.  इतना ही नहीं..जो जगह कमर्शियल कॉम्लेक्स के काटकर बेचा जा रहा है. यूनिहोम्स के निवासियों के सामने अभी ऐसी स्थिति आ गई है कि वो इतनी महंगी प्रॉपर्टी छोड़कर कहीं जा नहीं सकते पर दिनों दिन यहां रहना मुश्किल हो गया है. लोगों ने ये सोचकर यहा घर खरीदा था कि साफ-सुथरा माहौल होगा, साफ पानी मिलेगा, सुरक्षा मिलेगी और उनके परिवारों को कोई कष्ट नहीं होगा. लोगों की ये सारी सोच यहां आकर झठी साबित हुई है.

हादसे का खतरा

आज की स्थिति में यहां के तमाम रास्ते कंस्ट्रक्शन मटेरियल से भरे हुए हैं, कहीं गिट्टी पड़ी है, कहीं रेत के ढेर हैं, कहीं ईंट पड़ी हुई है तो कहीं पूरी सड़क पर छड़ बिखरे हुए हैं.  कवर्ड सीवरेज लाइन का वादा था पर तमाम नालियां खुली पड़ी हैं. साफ पानी का वादा था, पर गंदा और संक्रमित पानी घरों में पहुंच रहा है. साफ हवा का वादा था पर दिन-रात चल रहे निर्माण के चलते धूल की भरमार है. शांत माहौल का वादा था पर पूरी कॉलोनी गाड़ियों की आवाजाही और लगातार चलने वाले कंस्ट्रक्शन वर्क के चलते शोरगुल में डूबी रहती है. बड़े-बड़े ट्रक कॉलोनी के अंदर धड़धड़ाते फिर रहे हैं, ओवरलोड गाड़ियों से सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं और लगातार वाहनों की आवाजाही से हर वक्त हादसों का खतरा बना रहता है. यूनिटेक बिल्डर ने इतने लोगों के साथ वादाखिलाफी की है, और अब भी वो लगातार प्लाट बेच रहा है.