नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत लगातार चौथे दिन विभिन्न क्षेत्रों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अलग-अलग क्षेत्रों को निजी क्षेत्र को खोलने की घोषणा की. इसमें सरकार की इज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म के जरिए आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. मंत्रियों ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौर में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल का गठन किया जाएगा. इसके अलावा डीबीटी और जीएसटी में सुधार अहम है.
रक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश में बढ़ोतरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताया कि सरकार ने रक्षा उपकरण निर्माण में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए ऑटोमेटिक रूट के जरिए निजी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जा रहा है. इसके अलावा आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा, जिससे काम में पारदर्शिता और गुणवत्ता में सुधार के साथ आम लोगों को भी उसका फायदा हो सके.
कोयला में कमर्शियल माइनिंग
कोयला भंडारण के हिसाब से भारत दुनिया में तीसरा बड़ा देश है, लेकिन आज भी उद्योग कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं. इसके लिए कोयला में निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए 5000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. 50 नए ब्लाक नीलामी के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. पात्रता के बड़ी सीमा नहीं होगी. समय में पहले खनन की प्रक्रिया को पूरा करेगा उसको छूट प्रदान किया जाएगा. कोल बेड मिथेन एक्सट्रेशन की भी इजाजत दी जाएगी.
खनिज के उत्खनन में सुधार
कोल के अलावा अन्य खनिजों के उत्खनन की भी नीतियों में सुधार किया जा रहा है. इसके लिए 500 माइनिंग ब्लॉक की खुले और पारदर्शी तरीके से नीलामी की जाएगी. खनिज क्षेत्र में नीतियों को सुधार करते हुए केप्टिव और नान केप्टिव माइंस के अंतर को खत्म कर दिया जाएगा. जिससे अतिरिक्त बिना इस्तेमाल वाले खनिज के लीज को ट्रांसफर किया जाएगा.
बिजली की टैरिफ में सुधार
सरकार बिजली के क्षेत्र में सुधार करने जा रही है. इसके लिए उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए डिशकॉम की खामियों का बोझ उपभोक्ता नहीं उठाएंगे. इसके अलावा स्मार्ट प्री पेड मीटर को बढ़ावा देने के साथ सब्सिडी के लिए डीबीटी जरिया बनेगा. केंद्र शासित क्षेत्रों में बिजली वितरण का काम निजी क्षेत्र (DISCOM)को दिया जाएगा. इससे बेहतर सर्विसेस को बल मिलेगा, बिजली वितरण में सुधार आएगा.
सामाजिक बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र को बढ़ावा
कोविड-19 के दौर में अस्पताल जैसी सेवाओं में सुधार की बहुत जरूरत महसूस की जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए सामाजिक बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए कुल परियोजना लागत का 30 प्रतिशत केंद्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकार फंडिग करेंगी. इसके लिए 8100 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.
नागरिक विमानन क्षेत्र में बड़ा सुधार
वर्तमान में भारत में 60 प्रतिशत हवाई क्षेत्र नागरिक उड्डयन के लिए उपलब्ध है, दो महीने के भीतर सेना से चर्चा करने के बाद और हवाई क्षेत्र को खोला जाएगा. इसके जरिए नागरिक विमान कम समय में कम उर्जा की खपत कर गंतव्य तक पहुंच जाएंगे. इससे करीबन एक हजार करोड़ रुपए की बचत का अनुमान है. एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल को बढ़ावा देने के लिए कर को तार्किक किया जाएगा. इसमें न केवल नागरिक विमान ही नहीं बल्कि सैनिक विमानों को भी रिपेयर को बढ़ावा दिया जाएगा.
अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र के साथ यात्रा
अतरिक्ष को भी निजी क्षेत्र के लिए खोला जा रहा है. लांच करने, सेटलाइट, अंतरिक्ष में खोज की बात हो, इसमें निजी क्षेत्र को शामिल किया जाएगा. निजी क्षेत्र को इसरो की सुविधाओं का उपयोग करने की छूट दी जाएगी. इसके अलावा देश में उपलब्ध जियो स्पेटियल डाटा को उदार नीति के तहत इसे निजी क्षेत्र को प्रदान किया जाएगा. रिमोट सेंसिंग डाटा टेक इंचरप्रोन्योर को प्रदान किया जाएगा.
एटामिक एनर्जी में भी होगी सुधार
भारत सुधारों की दिशा में एक ओर कदम बढ़ाते हुए आणविक क्षेत्र को निजी क्षेत्र को खोलते हुए कैंसर जैसे रोग के इस्तेमाल आने वाले मेडिकल आइसोटोप के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाएगा. इसके अलावा खाद्य संरक्षण के क्षेत्र में भी इसमें पीपीपी मोड को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अलावा न्यूक्लियर क्षेत्र में स्टार्टअप सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें वे टेक्नालॉजी डेवलपमेंट और इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित कर पाएंगे.