रायपुर- जीएसटी को लेकर व्यापारियों की नाराजगी दूर करने देशभर में घूम रहे केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राजधानी रायपुर में आज व्यापार-उद्योग जगत से जुड़े लोगों से सीधी बातचीत कर शिकायतें सुनी और कई पहलूओं पर अपनी बात रखी. पीयूष गोयल ने कहा कि- मेरी कोशिश है कि टैक्सेशन में इतनी सरलता आए कि लोगों को कोर्ट-कचहरी तक जाना न पड़े. उन्होंने कहा कि व्यापारियों के बीच काॅम्पीटिशन टैक्स चोरी में नहीं होनी चाहिए, बल्कि बेहतर उत्पाद को लेकर होनी चाहिए. आप यह तय कर लें कि यदि कोई गलत काम करता है तो उसका पर्दाफाश करें. यदि मैं खुद भी कुछ गलत काम करूं, तो मेरा आग्रह है कि मेरे खिलाफ सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मेरी शिकायत करें.

पीयूष गोयल ने कहा कि टैक्स के मामले में जिस तरह से अफसरी बढ़ गई थी, उसे सरल किया जा रहा है. डिजिटलाइज करने का आशय यह है कि सरकार का कम से कम इंटरफियर व्यापारियों पर हो. आज देश में हजारों केस चल रहे हैं. ज्यादातर केसेज मध्यमवर्गीय और छोटे व्यापारियों से जुड़े हुए हैं. कोर्ट-कचहरी का खर्च पढ़ गया है. गोयल ने घोषणा करते हुए कहा कि- हमने तय किया है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे 41 फीसदी मामलों को वापस लिया जाएगा. इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखेगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि संसाधनों में छत्तीसगढ़ समृद्ध राज्य है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांतों को अगर वास्तव में सही मायने में किसी सरकार ने धरातल पर लाया है, तो वह छत्तीसगढ़ सरकार है. यहां तेज गति से विकास भी हुआ है. पीयूष गोयल ने कहा कि 2010-2014 तक राज्य से 141 मिलीयन टन ट्रांसपोर्टेशन था, जो पांच सालों में महज दस फीसदी ही बढ़ा, लेकिन 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से यह आंकड़ा तीस फीसदी बढ़कर 180 मिलीयन टन तक जा पहुंचा. यह बताता है कि इस बढ़ते आंकड़ों के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. व्यापार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. गोयल ने कहा- छत्तीसगढ़ संसाधनों से भरा राज्य है, बावजूद यहां का बड़ा हिस्सा ऐसा रहा, जहां रेलवे पहुंचा ही नहीं था. लेकिन रेलवे अब राज्य में दस हजार करोड़ रूपए का निवेश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में अच्छी सरकार काम कर रही है. यहां व्यापार-उद्योग की बड़ी संभावनाएं हैं. बस उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. मैं समझता हूं कि भ्रम फैलाने की भी कोशिश की जाती है. लेकिन मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो, डाॅ.रमन सिंह हो यह चुनी हुई सरकार मानती है कि भारत के उद्योगपति, व्यापारी, हर व्यक्ति इमानदार है. इमानदार व्यवस्था चाहता है.

जीएसटी लागू करना आसान नहीं था- पीयूष गोयल

व्यापारी संगठनों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू करना आसान नहीं था. मैं खुद भी कहता था कि जीएसटी इस देश में लागू हो ही नहीं सकता. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल लगातार प्रयास किया कि जीएसटी को लेकर देश की सोच बदली जा सके. इमानदार व्यवस्था को लोग अपना सके. मोदी सरकार के आने के बाद 2014 में जब जीएसटी को लेकर काम शुरू हुआ, जब 29 राज्यों में से 6 राज्यों में एनडीए की सरकारें थी. 23 सरकार अलग-अलग दलों की थी. कम्युनिस्ट की सरकार थी, आम आदमी पार्टी की भी सरकार थी. तृणमूल कांग्रेस, टीडीएस, टीआरएस, एडीएमके जैसी कई पार्टियां थी. अलग-अलग विचारधारा की पार्टियों को लेकर जीएसटी बनाना था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों को आश्वस्त किया कि जीएसटी लागू से होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी. राज्यों को होने वाले नुकसान के ऐवज में 37 हजार करोड़ रूपए की राशि देने का प्रधानमंत्री का यह निर्णायक मत था, जिसके फलस्वरूप विश्व में पहली बार इतने बड़े देश ने साहस किया. अमेरिका-चाइना जैसे देश भी जीएसटी लागू करने की हिम्मत नहीं कर सके. पीयूष गोयल ने मोदी की तुलना सरकार पटेल से करते हुए कहा कि पटेल ने देश को जोड़ने काम किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आर्थिक रूप से जोड़ने का काम किया.

व्यापारी अब तनाव से मुक्त उसे बीपी की गोली नहीं खानी पड़ती- डाॅ.रमन सिंह

इस मौके पर मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि आज छ्त्तीसगढ़ व्यापर जगत का ऐसा कोई संगठन नहीं होगा, जिसने पीयूष गोयल से मुलाकात नहीं की होगी. पीयूष गोयल के साथ एक अच्छी बात यह है कि वह किसी मामले को लटकाकर नहीं रखते. जिस बात को वह नोट कर लेते हैं, उसे पूरा करते हैं. इतने सारे विभाग होने के बाद भी मुस्कुराहट रहती है. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि-  मुझे लगता है इस देश की सात दशक की विसंगतियों को दूर करने का सबसे अच्छा समय है. राज्य और केन्द्र की कई करों से जूझ रहा था व्यापारी. व्यापारी अब तनाव मुक्त है उसे बीपी की गोली नहीं खानी पड़ रही है.
उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार का प्रयास था कि आर्थिक प्रगति बहुत तेज गति से हो. यूपीए सरकार पैरालिसिस गवर्नमेंट थी. आजादी के बाद सबसे बड़ा कदम जीएसटी था. सारे राज्यों को सहमत कराना असंभव कार्य था. जीएसटी आयोग आएगा इसका यकीन नहीं था. जहां-जहां जीएसटी लगा है, वहां आर्थिक प्रगति हुई है. जब कोई व्यवस्था परिवर्तन होता है, तो जाहिर है ट्रेडर के मन में मैन्युफैक्चरर के मन में शंका होती है. एक साल के भीतर जीएसटी ने मूर्त रूप ले लिया है. थोड़ी बहुत मुश्किलों को जरूर दूर किया जाएगा. अमर अग्रवाल ने कहा कि जीएसटीपी एक साल से ऊपर जा रहा है. सीएसआईडीसी चेयरमेन छगन मूंदड़ा ने कहा कि पहले नोटबंदी फिर जीएसटी से व्यापार में दो तीन साल तक मंदी जरूर थी यह एक समुद्र मंथन जैसा था.