Governor Ananda Bose: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) और राजभवन की ‘लड़ाई’ दिल्ली पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस की शिकायत पर कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) कमिश्नर और डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। इन दोनों अधिकारियों पर राजभवन और राज्यपाल की छवि को धूमिल करने का आरोप है।
मंत्रालय ने यह कार्रवाई राज्यपाल सीवी आनंद बोस की एक रिपोर्ट के आधार पर शुरू की है, जो उन्होंने जून के आखिरी हफ्ते में सौंपी थी। इसके बाद ममता सरकार को कार्रवाई से जुड़ी चिट्ठी 4 जुलाई को भेज दी गई है।
न दोनों अधिकारियों पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के दफ्तर को बदनाम करने का आरोप है। आरोपों के मुताबिक दोनों अफसरों ने राज्यपाल के दफ्तर को लेकर झूठी अफवाहें फैलाईं। बता दें कि इससे पहले राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में कोलकाता पुलिस कमिश्नर और डीसीपी सेंट्रल पर गलत तरीके से काम करने का आरोप लगाया था।
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जून के आखिरी सप्ताह में भेजी थी चिट्ठी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जून के आखिरी सप्ताह में केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि कोलकाता पुलिस के अधिकारियों द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को राजभवन में जाने से रोका जा रहा है। राज्यपाल ने पहले ही मुलाकात की अनुमति दे दी थी इसके बाद भी पीड़ितों को राजभवन जाने से रोका गया। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल की इस चिट्ठी पर एक्शन लेते हुए गृह मंत्रालय ने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। इस संबंध में जारी आदेश की एक प्रति राज्य सरकार को भी भेजी गई है।
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बोस की रिपोर्ट में इन बातों का जिक्र…
- कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को राज्यपाल की अनुमति के बावजूद उनसे मिलने से रोका।
- राजभवन में तैनात पुलिस अधिकारियों ने अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी के मनगढ़ंत आरोपों को बढ़ावा दिया और प्रोत्साहित किया।
- राज्यपाल की आपत्ति के बावजूद राजभवन के कर्मचारियों को आईडी जारी की। उनके आने-जाने पर तलाशी लेने की नई प्रथा शुरू की।
- चुनावी हिंसा पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को बोस से मिलने से रोकना और बाद में उन्हें हिरासत में लेना राज्यपाल के संवैधानिक अधिकार का अपमान है।
राज्यपाल ने पहले CM ममता को लिखी थी चिट्ठी
हालांकि कोलकाता पुलिस और गवर्नर के बीच चल रही ये तनातनी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अछूती नहीं थी। गवर्नर बोस ने ममता को चिट्ठी लिखकर गोयल और मुखर्जी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया और न ही उनके कार्यालय से कोई संवाद किया गया। बोस ने अपनी शिकायत में चोपड़ा हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए सिलीगुड़ी की हालिया यात्रा का भी जिक्र किया, जिसमें राज्य के कुछ अधिकारियों के आचरण पर सवाल उठाया गया।
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