रायपुर। केन्द्रीय सचिवालय भवन, अटल नगर, नया रायपुर में स्थित आयकर अपीलीय अधिकरण, रायपुर पीठ, रायपुर के नये कार्यालय परिसर का उदघाटन भारत के विधि मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे. प्रोफ. एस.पी. सिंह बघेल, और सांसद सुनील कुमार सोनी मौजूद रहेंगे.

आयकर अपीलीय अधिकरण, जिसे आईटीएटी भी कहा जाता है. एक अर्ध न्यायिक संस्थान है, जिसकी स्थापना 1941 में हुई थी, जो प्रत्यक्ष कर नियमों के अधीन अपीलों की सुनवाई करता है. आयकर अपीलीय अधिकरण द्वारा पारित आदेश तथ्यों के निर्धारण में अंतिम होते हैं. इसके पश्चात कानून के किसी बड़े प्रश्न के उत्पन्न हो जाने पर उसके निर्धारण के लिए अपील को उच्च न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है.

1941 में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, तीनों पीठों में छः सदस्यों से शुरू हुई आयकर अपीलीय अधिकरण वर्तमान में जहां-जहां उच्च न्यायालय की पीठें हैं, उन सभी जगहों पर होते हुए 30 विभिन्न स्थानों पर, 02 सर्किट पीठ को लेकर आयटीएटी की 63 पीठें हैं.

आईटीएटी अपने आदर्श वाक्य “निष्पक्ष सुलभ सत्वर न्याय” से प्रेरणा लेता है, जिसका अर्थ है निष्पक्ष, आसान और त्वरित न्याय। आयटीएटी कम खर्चीली, तकनीकों से मुक्त आसानी से सुलभ, प्रत्यक्ष कर पर विशिष्ट ज्ञान रखने वाले माने हुए विशेषज्ञों के द्वारा अपने वादियों को शीघ्र न्याय प्रदान करने में अपनी विशिष्टता के कारण अलग दिखता है.

देश का सबसे पुराना अधिकरण होने के कारण आईटीएटी को “मातृ अधिकरण” के रुप में भी जाना जाता है और आयटीएटी की सफलता ने ही भारत सरकार को देश में समान अपीलीय अधिकरण की स्थपाना के लिए प्रेरित किया. बीते वर्षों में, आयटीएटी ने प्रशंसा अर्जित की है, क्योंकि इसके सदस्यों ने न्यायपालिका एवं अन्य समान रुप से महत्वपूर्ण संस्थानो में उच्च पदों को सुशोभित किया है. अधिकरण के प्रथम अध्यक्ष, मोहम्मद मुनीर दार माननीय लाहौर उच्च न्यायालय में पदोन्नत हुए और बाद में पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीन बने.

आईटीएटी अपने अध्यक्ष जी.एस. पन्नु के ऊर्जस्वी नेतृत्व में न्यायिक प्रशासन में सूचना एवं संचार तकनीक का प्रयोग करने में हमेशा आगे रहा है. सभी पीठों को मजबूत इटरनेट कनेक्टिवीटी, कंप्यूटर्स एवं अन्य हार्डवेयर उपकरण प्रदान किया गया.

कोविड-19 महामारी के दौरान मामलों की सुनवाई में विभिन्न विडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म का प्रयोग करते हुए 60000 से अधिक मामलों को निपटाने में इस आधारभूत संरचना का आयटीएटी द्वारा व्यापक उपयोग किया गया. आईटीएटी के हितधारकों में सूचना के प्रसार के लिए आईटीएटी के वेबसाइट, न्यायिक सूचना पोर्टल, मोबाइल एपलीकेशन का पहले ही आरंभ किया जा चुका है.

आईटीएटी ने अपीलों, आवेदनों, याचिकाओं और दस्तावेजों के इलेक्ट्रोनिक फाइलिंग के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल भी आरंभ किया है. आईटीएटी का जयपुर और कटक में अपना कार्यालय सह आवासीय परिसर है. बेंगलूरू में कार्यालय परिसर है. दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता और अहमदाबाद में आयटीएटी के स्वयं का भवन निर्माणाधीन है. आईटीएटी का पुणे और गुवाहाटी मे स्वयं का भूखंड है, जो विकासाधीन है.

केन्द्र सरकार ने 2013 में रायपुर में 01 पीठ की स्थापना की है, जिसका पूरे छतीसगढ़ राज्य पर अधिकार क्षेत्र है. तदनुसार, 01 खंडपीठ, 01 न्यायिक सदस्य एवं 01 लेखाकार सदस्य रायपुर में पदस्थापित है. रायपुर खंडपीठ पुणे जोन के उपाध्यक्ष, आर.एस स्याल एवं रायपुर पीठ में नियुक्त रवीश सूद, न्यायिक सदस्य एवं जी.डी. पदमशाली, लेखाकार सदस्य के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है.

वर्तमान में रायपुर खंडपीठ में 853 अपीलें लंबित हैं, जिन्हें पीठ के द्वारा निपटाया जाएगा. प्रारंभ में, रायपुर पीठ एक किराये के परिसर में चल रहा था. हाल ही में पांचवी मंजिल, केन्द्रीय सचिवालय, अटल नगर, नया रायपुर में नए परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसका उदघाटन 04 जून, 2022 को केन्द्रीय विधि मंत्री द्वारा किया जा रहा है.

रायपुर में आयटीएटी के नए कार्यालय परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं, जैसे- विशाल कोर्ट रुम जिसमें 40 व्यक्ति बैठ सकते हैं, अति आधुनिक रिकार्ड रुम, सदस्यों के लिए अलग पुस्तकालय कक्ष के साथ सुसज्जित कक्ष, बार-कक्ष के लिए पर्याप्त स्थान, अच्छी तरह से सुसज्जित सम्मेलन कक्ष, निर्बाध बिजली बैक-अप आदि सुविधाएं उपलब्ध है. आईटीएटी पुणे जोन के नॉन फंगशनिंग पीठों के लंबित अपीलों की सुनवाई और निपटान में रायपुर पीठ को सक्षम करने के लिए नए परिसर में मजबूत कनेक्टिवीटी सुविधा के साथ ई –कोर्ट की स्थापना भी की है.

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