भोपाल.  रसगुल्ला खाने का शौक इस हद तक था कि पति-पत्नी के बीच तलाक की नौबत आ गई और मामला अदालत तक पहुंच गया. कुटुंब न्यायालय में चार साल तक सुनवाई चली.

आखिरकार न्यायाधीश ने पति-पत्नी को समझाया और रसगुल्ला खिलाकर पति-पत्नी के रिश्ते में आई खटास को मिठास में बदल दिया. दोनों ने फिर साथ रहने और विवाद न करने का संकल्प लिया. विजय नगर लालघाटी क्षेत्र निवासी राहुल का विवाह वर्ष 2011 में सागर निवासी हर्षिता पांडे से हुआ था. उनके दो बच्चे, बेटी कृतिक 5 साल और कृतेश 4 साल हैं. राहुल को रसगुल्ला खाने का बहुत शौक था. जब भी कोई तीज त्योहार या खुशी का अवसर होता, राहुल घर में ढेर सारे रसगुल्ले लेकर आता. यहां तक कि वह घर में रसगुल्ले का डिब्बा रखने लगा था.

राहुल का रसगुल्ले से इस कदर लगाव देखकर हर्षिता ने समझाया कि यह बीमारी की वजह बन सकता है, इसलिए कम खाया करो. राहुल को समझाइश अच्छी नहीं लगी, आए दिन दोनों के बीच झगड़ा होने लगा. वर्ष 2014 में दिवाली के समय राहुल जब रसगुल्ले के कई डिब्बे घर लेकर आया तो हर्षिता ने डिब्बों को घर से बाहर फेंक दिया. इस बात पर राहुल ने उसके साथ मारपीट कर दी. मारपीट के बाद हर्षिता मायके चली गई और दोनों पक्षों की ओर से अदालत में याचिकाएं दायर कर दी गर्इं.

प्रधान कुटुंब न्यायाधीश आरएन चंद की अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद नतीजा निकाला कि उनके बीच के विवाद की वजह केवल रसगुल्ला था. जज ने राहुल को रसगुल्ला प्रेम छोड़कर पत्नी और बच्चों के साथ प्रेम और शांतिपूर्ण जीवन-यापन करने की समझाइश दी. राहुल ने पत्नी से माफी मांगी और पत्नी ने अपना केस वापस लिया. इसके बाद जज ने अपनी ओर से रसगुल्ले मंगाकर राहुल और हर्षिता को खिलाया. इसके बाद पति-पत्नी ने साथ रहने का वादा किया.