सूरत का रामनाथ शिव घेला मंदिर अपनी अनोखी अस्था के लिए प्रसिद्ध है. सूरत के उमरा क्षेत्र में भगवान शिव के भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर साल में एक बार जिंदा केकड़ा चढ़ाते है. मकर संक्रांति उत्सव के बाद से भक्तों का यहां तांता लग जाता है. रामनाथ शिव घेला मंदिर से जुड़ी एक सदियों पुरानी परंपराओं में से एक है. इस मंदिर को लेकर एक किदवंती यह है कि मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान राम ने किया था.
लोगों की श्रद्धा से जुड़ा विषय है, इसलिए हर व्यक्ति पूरी आस्था के साथ केकड़ों को भगवान शिव के पैरों में अर्पण करते हैं. पूजा पूरी तरह संपन्न हो जाने के बाद केकड़ों को बाद में मंदिर की ऑथारिटी द्वारा एकत्र किया जाता है और फिर पास के समुद्र में छोड़ दिया जाता है. ऐसे में पुरानी मान्यता को पूरा करते समय इन छोटे जीवों को कोई नुकसान नहीं होता है. Read More – बचपन से ही बच्चों में डालें हाइजीन से जुड़ी ये आदतें, नहीं होंगे बार बार बीमार …
रामनाथ घेला महादेव का पौराणिक महत्व
इस मंदिर के बारे में एक पुरानी लोककथा है. माना जाता है कि रामायण के समय में, जब एक दिन भगवान राम समुद्र पार कर रहे थे, तो उस समय समुद्र की लहर में बहकर एक केकड़ा उनके पैरों पर आ गया था. उस केकड़े को देखकर भगवान श्रीराम ने केकड़े को आशीर्वाद दिया और कहा कि केकड़े भी पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा होंगे और तभी से इस मंदिर में जिंदा केकड़े चढ़ाने की परंपरा लोकप्रिय हो गई. Read More – Jaya Bachchan Angry Video : एयरपोर्ट में कैमरा पर्सन पर भड़की जया बच्चन, वीडियो हो रहा वायरल …
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर जिंदा केकड़े चढ़ाता है, उसका सौभाग्य भी इसके साथ आता है. साथ ही ऐसा करने से लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. इसलिए लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए और अपनी इच्छापूर्ति के लिए यहां माघ माह में केकड़े चढ़ाने आते हैं.
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