उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ 2022 में कहां से चुनाव लड़ेंगे, इसको लेकर लगातार चर्चा हो रही है. कभी गोरखपुर से सांसद रहे सीएम योगी के लिए मथुरा और अयोध्या की सीटों से लड़ने की चर्चा भी पिछले दिनों खूब चली. इन सबके बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने दावा किया कि बीजेपी को 300 से अधिक सीटें मिलेंगी.
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उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चुनाव समय पर होने चाहिए. योगी ने पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले यूपी में दंगाइयों का सम्मान होता था. सपा सरकार में गरीब की संपत्ति कब्जाने का जरिया बना. योगी ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है.
इससे पहले वह गोरखपुर से सांसद चुनकर संसद पहुंचते रहे हैं. साल 2014 उन्होंने राजमती निषाद को रिकॉर्ड 312783 वोटों से हार था और लगातार पांचवी बार संसद पहुंचे थे. इससे पहले उनके गुरु अवैद्यनाथ भी गोरखपुर से चार बार संसद रह चुके हैं. हालांकि, योगी आदित्यनाथ को बड़ा झटका तब लगा था, जब एसपी के समर्थन से प्रवीण निषाद ने उपचुनाव में गोरखपुर में योगी के किले को भेद दिया. हालांकि, साल 2019 में प्रवीण निषाद ने गोरखपुर सीट छोड़ दी. बीजेपी के टिकट से सांसद बने और गोरखपुर से रवि किशन बतौर सांसद सदन पहुंचे.
क्या कहता है इतिहास
इससे पहले अखिलेश यादव भी विधान परिषद के जरिए ही मुख्यमंत्री बने थे. अखिलेश से पहले मायावती भी विधान परिषद की सदस्य रहीं और अब योगी आदित्यानाथ भी विधान परिषद के सदस्य हैं. अखिलेश और मायावती ने विधानसभा चुनाव कभी नहीं लड़ा.