लखनऊ ब्यूरो. उत्तर प्रदेश का सैफई महोत्सव अपनी भव्यता के लिए पूरे देश में मशहूर रहा. सरकारी फंड का जमकर दुरुपयोग और अंधाधुंध खर्च के चलते इस आय़ोजन की खूब आलोचना हुई. समाजवादी पार्टी की सरकार जब-जब राज्य में सत्ता में रही सैफई महोत्सव का आयोजन होता रहा. इस बार योगी सरकार भी सैफई आयोजन की तर्ज पर आयोजन कराने जा रही है.
समाजवादी क्षत्रपों ने अपने पैतृक गांव सैफई में सैफई महोत्सव के नाम पर जमकर सरकारी धन खर्च किया. ये आयोजन काफी मशहूर भी रहा. ठीक इसी तर्ज पर अब भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कर्मभूमि गोरखपुर में गोरखपुर महोत्सव शुरु कर रहे हैं.
सैफई महोत्सव की तर्ज पर गोरखपुर में भी तीन दिन का गोरखपुर महोत्सव आयोजित होगा. खास बात ये है कि सैफई महोत्सव में समाजवादी सुप्रीमो और उनके परिवार का असर साफ देखा जाता था. ये महोत्सव यादव परिवार के निजी आयोजन की तरह नजर आता था वहीं गोरखपुर महोत्सव पूरी तरह से सरकारी कार्यक्रम होगा. कहा जा रहा है कि इसमें बजाय नाच-गाने के कल्चरल कार्यक्रम व भजन संध्या भी होंगे. कार्यक्रम में जहां बालीवुड नाइट होगी वहीं भोजपुरी नाइट का भी कार्यक्रम होगा. इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में पूर्वांचल की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
सूबे के सांस्कृतिक विभाग ने इस आयोजन के लिए बकायदा 35 लाख रुपये का बजट भी पास कर दिया है. वैसे भाजपा सरकार कानपुर के बिठूर कस्बे में गंगा महोत्सव और बनारस में गंगा आरती का आयोजन करा चुकी है. गोरखपुर महोत्सव के लिए विशेष रुप से बनाई गई वेबसाइट को देखा जाय तो इसमें भले ही कल्चरल इवेंट, बच्चों के लिए कार्यक्रमों के आयोजन की बात कही गई हो लेकिन कार्यक्रम की मेन इवेंट में बालीवुड और भोजपुरी नाइट का विशेष रुप से जिक्र किया गया है. महोत्सव का आयोजन 11, 12 व 13 जनवरी को होगा. आज से महोत्सव की शुरआत गोरखपुर में हो रही है.
विपक्ष का कहना है कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो वो सैफई महोत्सव की आलोचना करती थी. अब भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद वही सब कर रही है जो समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में रहते हुए कर रही थी. वैसे सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष ने भाजपा को घेरना शुरु कर दिया है. भाजपा सरकार को इस महोत्सव पर चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ रहा है.