लखनऊ. उत्तरप्रदेश में होने वाले उप-चुनावों से पहले एक बड़ा राजनैतिक बदलाव देखने को मिल रहा है. गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मायावती की बीएसपी अखिलेश सिंह यादव की पार्टी एसपी को समर्थन देगी. बीएसपी के गोरखपुर के कॉडिनेटर घनश्‍याम कंवर ने बैठक के बाद मंच से समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया. इस संबंध में बहन जी की हरी झंडी शनिवार को ही मिल गई थी. 
माना जा रहा है कि नार्थ ईस्ट में बीजेपी ने जिस तरीके से लेफ्ट का मज़बूत किला ढहाया उससे उत्तर प्रदेश की दोनों सियासी पार्टियों को समझ आ गया कि मिलकर ही मोदी के रथ को रोका जा सकता है. चूंकि दोनों ही सीट पर बीजेपी काफी मज़बूत रही है. लिहाज़ा यहां हराने के लिए विरोधी पार्टियों को काफी ज़ोर लगाना पडे़गा. 
लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को दोनों के अलग-अलग लड़ने का काफी फायदा हुआ था. लोकसभा चुनाव में बीएसपी अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी. जबकि विधानसभा चुनाव में भी उसकी करारी हार हुई थी. यही हाल समाजवादी पार्टी का भी रहा. गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को मतदान होना है, जबकि नतीजे 14 मार्च को आएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 28 प्रतिशत और बहुजन समाजवादी पार्टी को 22 प्रतिशत वोट मिले थे. दोनों को जोड़ ले तो ये 50 प्रतिशत वोट हो जाता है.

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटें योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई हैं. दोनों नेता लोकसभा से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बन चुके हैं. लेकिन इस घटनाक्रम का सबसे दिलचस्प पहलू है कि इस नए समीकरण को आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एक महागठबंधन को तौर पर देखा जा रहा है.