लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में शुक्रवार को हुई बैठक में 10 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। प्रस्ताव में मकान मालिक व किरायेदारों के विवादों को कम करने के लिए बनाए गए उप्र नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश–2021 को मंजूरी देने के साथ वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति का निर्धारण किया गया.
प्रस्ताव में सबसे अहम मकान मालिक व किरायेदारों के विवादों को कम करने के लिए बनाए गए उप्र नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश–2021 को मंजूरी देना रहा, जिसमें किरायेदारी अनुबंध के आधार पर करने का प्रावधान है. किसी भी विवाद के निपटारे के लिए रेंट अथारिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल का प्राविधान किया गया है. ट्रिब्यूनल में अधिकतम 60 दिनों के अंदर वादों का निस्तारण होगा.
इसके अलावा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू किये जाने के सम्बन्ध में नीति निर्धारण, उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (प्रथम संशोधन) 2019 के प्रस्तर- 3.3 (2) में संशोधन, 2021-22 के लिए आबकारी नीति के निर्धारण, मे. केएम शुगर मिल, मसोधा, अयोध्या द्वारा स्वयं की आसवनी में किये गये शीरे के सम्भरण पर जमा किये गये प्रशासनिक शुल्क की वापसी के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ.
इसके अलावा प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था कराये जाने और ऐसे विलेख, जिनका रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य नहीं है, पर स्टाम्प शुल्क की देयता को सुविधाजनक बनाये जाने के लिए डिजिटल ई-स्टाम्प की व्यवस्था प्रारम्भ किये जाने हेतु उप्र ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन का प्रस्ताव पास हुआ.