नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव पर योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने निकाय चुनाव को तीन महीने देर से कराने की अनुमति दी है. इस बीच जल्द ही वित्तीय दायित्वों को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कह अकी OBC कमीशन को 31 मार्च तक रिपोर्ट सौंपनी होगी. तबतक नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर कोई बड़ा फैसला नहीं लेंगे. अब यूपी में 31 मार्च तक निकाय चुनाव नहीं होंगे.
कोर्ट ने कहा कि इस दौरान कोई भी बड़ी नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकता है. आयोग तीन महीने के अंदर अपना काम पूरा करने की कोशिश करे. इससे पहले स्थानीय निकाय चुनाव मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया था. मामले 4 जनवरी को सुनवाई तय की गई थी. दरअसल, शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में निकाय चुनावों पर सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था.
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राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि उच्च न्यायालय 5 दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द नहीं कर सकता है, जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के अलावा अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए शहरी निकाय चुनावों में सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है. एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड रुचिरा गोयल के माध्यम से दायर अपील में कहा गया था कि ओबीसी संवैधानिक रूप से संरक्षित वर्ग है और उच्च न्यायालय ने मसौदा अधिसूचना को रद्द करने में गलती की है.
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