उत्तर प्रदेश। कानपुर में एक नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में फंसे रिटायर्ड इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी को निजी कार से पेशी पर ले जाने के मामले में जांच पूरी हो गई है. इस मामले पुलिस विभाग के दो सिपाहियों को दोषी पाया गया है. दोनों सिपाहियों को सात दिन रायफल लेकर दौड़ाने की सजा दी गई है.

इस तरह की सजा कमिश्नरेट पुलिस में पहली बार सिपाहियों को दी गई है. हालांकि इससे पहले किसी पुलिस कर्मी को इस तरह की सजा दिए जाने का मामला अबतक सामने नहीं आया है. बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र और प्रेमपाल नाम के सिपाहियों ने बच्ची से रेप करने वाले पूर्व इस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी के साथ पूरी यारी निभाई थी.

आरोप है कि 8 अगस्त को दिनेश त्रिपाठी ने अपने किरायेदार की नबालिक बेटी का रेप किया था. 10 अगस्त को पुलिस ने जब इसे जेल भेजा था तो इन सिपाहियों ने उसे न तो हथकड़ी लगाईं न ही आम कैदियों की तरह जेल ले गए. बल्कि उसे अपनी प्राइवेट कार से जेल लेकर पहुंचे थे.

जब यह मामला मीडिया में आया तो पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने एडीसपी बसंत लाल से जांच कराई. एडीसीपी की जांच में दोनों सिपाहियों को इस मामले दोषी पाया. जिसके बाद दोनों सिपाहियों को पीडी की सजा दी गई. इस सजा में पुलिस लाइन में दोनों सिपाहियों को सुबह दो- दो घंटे तक रायफल लेकर पुलिस लाइन में दौड़ लगानी होगी.

वहीं इस मामले पर पुलिस ने बताया कि चकेरी में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. इसमें पूर्व इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया था. जिसमें दो पुलिसर्मियों ने आरोपी को अपनी प्राइवेट कार में बिना हथकड़ी लगाए जेल ले गए थे. इस मामले में उन्हें दोषी पाया गया है जिसके बाद इन्हें सात दिन तक पीडी की सजा दी गई है.

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