लखनऊ. योगी सरकार ने प्रदेश में खेल गतिविधियों के साथ ही खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने में जो तेजी दिखाई है, उसका नतीजा ये हुआ है कि उत्तर प्रदेश खेलों के नए डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है. बड़े-बड़े आयोजनों की मेजबानी का अवसर उत्तर प्रदेश को मिल रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैयद मोदी नेशनल इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 का शुभारंभ किया है. यदि इस वर्ष की बात करें तो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, एशियन यूथ हैंडबॉल चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग, डेविस कप, मोटो जीपी और क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसे मुकाबलों का यहां आयोजन हो चुका है. बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार की सेवाओं में अवसर मिल रहा है. खेल गतिविधियों और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रही वृद्धि के चलते प्रदेश के खिलाड़ियों का भी हौसला आसमान छू रहा है.

योगी सरकार ने विगत साढ़े 6 वर्ष में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में जो बदलाव किया है, उसका असर दिखने लगा है. इसका लाभ न सिर्फ प्रदेश के खिलाड़ियों को मिल रहा है बल्कि विभिन्न खेलों के अयोजन के लिए उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता मिल रही है. इस वर्ष ही उत्तर प्रदेश ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन किया, जिसमें देश भर की यूनिवर्सिटीज के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी व नोएडा समेत दिल्ली में भी इसके मुकाबले खेले गए. इसी तरह लखनऊ में डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप 2 का आयोजन किया गया, जिसमें भारत और मोरक्को के बीच मुकाबला खेला गया. हाल ही में मोटो जीपी का सफल आयोजन करके उत्तर प्रदेश ने पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया. इस आयोजन से खुश आयोजकों ने 2024 में भी मोटो जीपी कराने की मंशा जताई है. खेलो इंडिया और मोटो जीपी भारत के बाद यूपी ने अक्टूबर में नोएडा के इंडोर स्टेडियम में नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप को होस्ट किया, जिसमें देश भर के 5 हजार से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया. इसके अलावा अयोध्या में अभी सीनियर नेशनल आर्चरी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश के शीर्ष तीरंदाज अयोध्या में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. अगले वर्ष वाराणसी में फॉर्मूला वन एच20 (एफ1एच20) वर्ल्ड चैंपियनशिप पावरबोट रेसिंग का भी आयोजन प्रस्तावित है.

खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में अग्रणी राज्य बना उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के अंदर खेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बेहतरीन प्रयास प्रारंभ हुए हैं, जिसने प्रदेश को इस मामले में अग्रणी राज्य बना दिया है. खेल इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो हर ग्राम पंचायत में खेल का मैदान बनाने, हर ग्राम पंचायत में युवक मंगल दल और महिला मंगल दल को स्पोर्ट्स किट उपलब्ध करवाने, सभी जनपदों में खेल के स्टेडियम, ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम पर कार्य किया गया है. ग्राम पंचायत द्वारा खर्च की जाने वाली राशि से गांव में ओपन जिम के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है. उसी का परिणाम है कि प्रदेश में 83 स्टेडियम, 12 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट, 67 बहुद्देशीय हॉल, 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 16 छात्रावास भवन, 2 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 42 अत्याधुनिक जिम, 2 जूडो हॉल,11 कुश्ती हॉल, 6 शूटिंग रेंज, 2 इंडोर वॉलीबाल हॉल, 12 वेटलिफ्टिंग हॉल और 15 सिंथेटिक बास्केटबाल कोर्ट का निर्माण अब तक हो चुका है. योगी सरकार मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के निर्माण को भी युद्धस्तर पर बढ़ा रही है तो वाराणसी में नए क्रिकेट स्टेडियम की भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधारशिला रखी गई है.

खिलाड़ियों को भी किया जा रहा प्रोत्साहित

सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर भी व्यापक कार्य किए जा रहे हैं. योगी सरकार ने विभिन्न खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में 50 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को 1.50 लाख रुपए मानदेय पर प्रशिक्षण के लिए रखा है. इसी मद में प्रदेश में एकलव्य क्रीड़ा कोष से 142 खिलाड़ियों को वर्तमान में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय खेलों (ओलंपिक, विश्वकप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स) में पदक विजेता खिलाड़ियों की राजपत्रित पदों पर सीधी भर्ती की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें ललित उपाध्याय (हॉकी) को डीएसपी के रूप में, विजय कुमार यादव (जूडो) और दिव्या काकरान (कुश्ती) को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति पत्र जारी किए हैं. अब तक शासकीय और सार्वजनिक उपक्रमों में लोकसेवा आयोग की परिधि के बाहर के पदों की नियुक्ति के लिए 2 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार ने की है जिसके माध्यम से 500 खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश शासन की सेवाओं में और खासकर उत्तर प्रदेश पुलिस बल में समायोजित किया गया है. प्रदेश सरकार ओलंपिक, विश्व कप समेत सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पद्धाओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को नगद धनराशि देती है. साथ ही इन प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी करने वाले खिलाड़ियों को भी सरकार प्रोत्साहन राशि देती है.

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