विक्रम मिश्र, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी में संगठन के बदलाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी भी अब अपने संगठन में भी बड़ा बदलाव करने के मूड में दिखाई दे रही है। यही कारण है कि सदस्यता अभियान के साथ अन्य कार्यक्रमों में जो पदाधिकारी निष्क्रिय रहे या फिर पार्टी के कार्यक्रमों में सहभागिता नहीं ली। अब उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
संगठन के सहारे सत्ता की राह
समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में दिए अपने पीडीए के नारे को लेकर उप चुनाव में उतरी थी लेकिन, उसका वाजिब फल नहीं मिल पाया। वहीं पार्टी के भीतर भी लगातार खेमेबाजी हो रही थी, जिसकी सूचना कहीं ना कहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास आ रही थी। जिसको लेकर ये कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी के भीतर कुछ बड़ा बदलाव हो सकता है।
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जमीनी कार्यकर्ताओं को आस
पार्टी संगठन में बदलाव और फ्रंटल टीमों के नेतृत्व में भी बदलाव होने की सूचना को लेकर हाशिये पर चल रहे पुराने नेता और जमीनी स्तर पर काम करने वाले युवा नेताओ को मौका मिलने की उम्मीद है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि समाजवादी पार्टी इस बार युवा नेताओं पर ज्यादा फोकस करेगा।
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