विक्रम मिश्र, लखनऊ. प्रतापगढ़ के हथिगवां थाना इलाके के गांव बलीपुर में 2 मार्च 2013 को रात करीब 8.15 बजे दोहरे हत्याकांड की जानकारी मिली थी. मौके पर पहुंचे कुंडा के डीएसपी जियाउल हक को पहले लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया था. इसके बाद में उनको गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. तीन घंटे तक उनकी लाश प्रधान के घर के पीछे खड़ंजे पर पड़ी रही थी. इस कांड में अन्य लोगों के साथ रघुराज प्रताप सिंह को साजिश का आरोपी बनाते हुए नामजद किया गया था. शुक्रवार को लखनऊ में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इस केस के 10 आरोपियों को दोषी करार दिया.
हत्याकांड में 10 आरोपी दोषी करार
लखनऊ में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने डीएसपी जियाउल हक की हत्या के मामले में फूलचंद यादव, पवन यादव, राम लखन गौतम, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, छोटेलाल यादव, शिवराम पासी, राम आसरे, मुन्ना पटेल और जगत बहादुर पाल को दोषी करार दिया. कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस केस में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह और उनके करीबी रहे गुलशन यादव भी आरोपी थे, लेकिन दोनों को सीबीआई जांच में पहले ही क्लीन चिट मिल गई थी.
राजा भैया को सीबीआई दे चुकी है क्लीन चिट
इस केस में सीबीआई ने अप्रैल 2013 में ग्राम प्रधान के बेटे पवन, बबलू, फूलचंद और मंजीत यादव को जियाउल हक मर्डर केस में गिरफ्तार किया था. इस केस में कुंडा विधायक राजा भैया का भी नाम उछला था. आरोप था कि राजाभैया के मैनेजर नन्हें सिंह ने डीएसपी पर गोली चलाई थी. हालांकि, राजाभैया की इस हत्याकांड में भूमिका नहीं पाई गई. सीबीआई की जांच में दोबारा राजाभैया को क्लीनचिट मिल गई.
प्रधान की हत्या पर हुआ था बवाल
यूपी के प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें सिंह यादव की हत्या कर दी गई थी. यह हत्याकांड उस समय अंजाम दिया गया, जब नन्हें यादव विवादित जमीन के सामने बनी एक फूस की झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे. प्रधान की हत्या के बाद उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया. रात सवा आठ बजे बलीपुर गांव के कामता पाल के घर में आग लगा दी. इसी बीच कुंडा थाना प्रभारी सर्वेश मिश्र अपनी टीम के साथ पहुंचे, लेकिन भीड़ होने की वजह नन्हें सिंह यादव के घर की तरफ जाने की हिम्मत न जुटा सके. मौके पर सीओ जियाउल हक गांव पहुंचे. हिम्मत दिखाते हुए वो दूसरे रास्ते से प्रधान के घर की तरफ गये थे. वहां उनकी हत्या कर दी गई.
क्या है मामला?
2 मार्च 2013 में यूपी के कुंडा में जियाउल हक की हत्या हुई थी. वे यूपी पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात थे. बालीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की हत्या होने की सूचना मिलने पर जियाउल हक उनके घर गए थे. तब भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था. डीसीपी जियाउल हक के बाकी साथी भाग गए, लेकिन वे वहीं रह गए. भीड़ ने पहले उन्हें पीटा, इसके बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी. इस केस की जांच कर रही सीबीआई ने अप्रैल 2013 में ग्राम प्रधान के बेटे पवन यादव, बबलू यादव, फूलचंद यादव और मंजीत यादव को डीएसपी हक के मर्डर के केस में अरेस्ट किया था. आरोप था कि नन्हे सिंह नाम के शख्स ने डीएसपी हक पर गोली चलाई थी.
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