विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आयुष विभाग की तरफ से चलाए जा रहे होम्योपैथी अस्पतालों के बुरा हाल है. विभाग के मंत्री के दयाशंकर मिश्र दयालु के गृह जनपद में ही जांच के दौरान ही लगभग 80 फीसदी डॉक्टर नदारद मिले हैं. इसके अलावा कानपुर और जौनपुर में आयुष मंत्रालय के अधीन अस्पताल में से ज़्यादातर बंद पाए गए हैं.

इसे भी पढ़ें- काली सड़क, खून के छीटे और 5 लाशः खड़े ट्रक में जा घुसी कार, एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत, मंजर देख मचा कोहराम

समकक्ष ही अवकाश स्वीकृत कर रहे


आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु के गृह जनपद बलिया में 60 डिस्पेंसरी है. जिसमें की 58 डॉक्टर्स की तैनाती है, लेकिन जिलाधिकारी द्वारा जांच में मौके पर महज 29 डॉक्टर्स ही पाए गए. जबकि, डीएचओ (हम्योपैथी चिकित्साधिकारी) अवकाश पर थे. हैरानी तब हुई जब वरिष्ठताक्रम के आधार पर जिन महिला डॉक्टर को डीएचओ के अनुपस्थिति में काम देखने की ज़िम्मेदारी मिली थी वो अपने समकक्षों की छुट्टियां स्वीकृत कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें- साथ जिएंगे, साथ मरेंगेः पति की मौत के 10 मिनट बाद ही पत्नी ने भी तोड़ दिया दम, मामला जानकर रह जाएंगे दंग

जौनपुर में 31 तो कानपुर में 10 डिस्पेंसरी बंद

बलिया का हाल देखने के बाद से कानपुर जौनपुर औरैय्या में भी सघन जांच अभियान चलाया गया. जौनपुर में 40 डिस्पेंसरी पर महज 9 अस्पतालों में चिकित्सक मिले. बाकी के 31 डिस्पेंसरी पर ताला लगा हुआ था. साथ ही कानपुर नगर में 24 डिस्पेंसरी की जगह सिर्फ 14 डिस्पेंसरी ही कार्यरत मिली. जहां पर डॉक्टर तैनात मिले. बाकी की 10 डिस्पेंसरी पर ताला लगा मिला.

इसे भी पढ़ें- गुरू जी की ‘डर्टी क्लास’: फ्लैट में बुलाकर शिक्षक ने छात्रा का किया रेप, VIDEO बनाकर कई बार बनाए शारीरिक संबंध, जानिए हैवानियत की पूरी वारदात…

कार्रवाई के बाबत आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है. जिसके आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. हालांकि, उन्होंने बातों-बातों में अपना दर्द भी बयां कर दिया, उनके मुताबिक जनता की सहूलियत के लिए हर जिले में आयुष विभाग अलग-अलग तरह के जैसे आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी अस्पतालों के संचालन करता है. लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत और डॉक्टर्स की कार्य के प्रति उदासीनता से जनता को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.