जेवर. केंद्र सरकार के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसान आंदोलन को आठ महीने से भी अधिक हो गया. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली भाकियू की महापंचायत में आर-पार की रणनीति तैयार होगी.

टिकैत ने रविवार शाम जेवर क्षेत्र में हुई महापंचायत में शिरकत की. किसानों के मंच से हुंकार भरते हुए उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी. राकेश टिकैत अपने काफिले के साथ रविवार दोपहर जेवर के झाझर रोड स्थित सबौता अंडरपास पर आयोजित महापंचायत में पहुंचे. यहां हजारों किसानों की मौजूदगी में संगठन के पदाधिकारियों ने उनके सिर पर पगड़ी बांधकर और माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया.

राकेश टिकैत ने कहा कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत में केंद्र सरकार को उखाड़ने और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार को रोकने का पूरा प्रयास किया जाएगा. सरकार धर्म के नाम पर हिन्दू-मुस्लिमों के बीच भेदभाव पैदा कर रही है. मुजफ्फरनगर की महापंचायत में यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान आदि राज्यों के हजारों किसान शिरकत करेंगे, जहां संयुक्त मोर्चा की मदद से सरकार को उखाड़ने की रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग को दोहराते हुए कहा कि ये कृषि कानून किसान-मजदूर और आमजन के विरोधी हैं.

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टिकैत ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे. देश के लोग किसान आंदोलन से नहीं वैचारिक क्रांति से जुड़ रहे हैं. उन्होंने क्षेत्र के किसानों से 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेने की अपील की. टिकैत ने कहा कि सरकार केवल इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का आंदोलन बता रही है, लेकिन इसमें 550 से अधिक किसान संगठन जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार यह गलतफहमी छोड़ दे कि किसान थक कर घर वापस चले जाएंगे. महापंचायत में जेवर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा सहित कई जिलों के लोग भी पहुंचे थे.

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किसान नेता टिकैत ने कहा कि आठ माह से किसान काले कानून वापस कराने के लिए दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के अलावा कई राज्यों में धरने पर बैठे हैं. जेवर टोल प्लाजा पर भी ढाई माह से किसान धरने पर बैठे हुए हैं, मगर सरकार जैसे आंखों पर पट्टी बांधे बैठी है. जल्द ही किसान भारी तादाद में लखनऊ की ओर कूच करके महापंचायत कर प्रदेश सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेंगे. महापंचायत में किसानों से आह्वान करते हुए टिकैत ने कहा कि इस अंडरपास की जमीन का भराव कर समतल बनाएं और फुलवारी लगाकर सौंदर्यकरण कर लें, ताकि बारिश और तूफान के मौसम में बिना टैंट जनसभा की जा सके.

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