विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सियासत पर उल-जुलूल बयानबाज़ी का सियासी मतलब तो जनता समझ ही जाती है, लेकिन प्रदेश में बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्रवाई दोनों ही कठघरे में है। लगातार हो रहे दुष्कर्म की घटनाएं पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था की पोल खोलकर रख दे रही है।

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योगी ने जब दूसरी बार सीएम का पदभार ग्रहण किया, तो जनता ने उन्हें बुलडोजर भरकर बधाई दी थी। लेकिन अपराधियों ,खासतौर पर महिला उत्पीड़न और दुष्कर्म से सम्बंधित अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने में योगी सरकार सफल नज़र नही आती है। ताजा मामलाउत्तर प्रदेश के आगरा जिले से है। जहां पर शैक्षणिक दस्तावेज बनाने के लिए युवती से पहले अपराधियो ने 15 हज़ार रुपये लिए, फिर चलती कार में उसे हवस का शिकार बनाया।  हालांकि युवती ने दो लोगों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

अयोध्या में घर में घुसकर नाबालिग से रेप 

इसी प्रकार धर्मनगरी अयोध्या में भी कुछ दिन पहले एक मामला सामने आया था। जिसमे कि  अयोध्या के वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद के सहयोगी का नाम उजागर हुआ था। अयोध्या में घर में घुसकर नाबालिग से रेप किया गया। ये वारदात उसी मिल्कीपुर इलाके में हुई है, जहां  उपचुनाव होने वाला है। वहां के हर मसले पर सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ की नज़र है। मिल्कीपुर कांड में आरोपी सपा नेता होने की वजह से मुख्यमंत्री योगी ने मामले को विधानसभा में उठाते हुए सीधे सपा प्रमुख अखिलेश यादव को घेरने की कोशिश की थी। जबकि आरोपी पर बुलडोजर की कार्रवाई भी हुई थी।

इससे पहले की सरकारों में भी शर्मसार हो चुका है यूपी

मुलायम सरकार में कविता कांड

बुलंदशहर के घंसूरपुर की निवासी डॉक्टर कविता रानी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की फाइन आर्ट्स विभाग में लेक्चरर के पद पर कार्यरत थी। जबकि वो एक होस्टल में रहती थी। दीपावली की छुट्टियों के बाद कविता घर से 23 अक्टूबर 2006 को हॉस्टल के लिए रवाना हुई, लेकिन पहुंची नही। भाई सतीश ने 29 अक्टूबर को बुलंदशहर में गुमशुदगी का केस कराया। पुलिसिया जांच में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री किरण पाल, रालोद कोटे से खाद्य मंत्री बाबूलाल और सिंचाई मंत्री मेराजुद्दीन का नाम सामने आया था। जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आए, जिसमे 23 अक्टूबर 2006 के बीच कविता और तत्कालीन मंत्री बाबूलाल के बीच 857 बार बातचीत हुई। जबकि कविता की 34 बार बात मंत्री किरण पाल से हुई थी। इस खुलासे के बाद मंत्री बाबूलाल ने इस्तीफा दे दिया। हत्याकांड में नाम आने के बाद पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन ने रालोद से इस्तीफा दे दिया।

मायावती राज में शशि हत्याकांड

22 अक्टूबर 2007 को कानून की पढ़ाई करने वाली छात्रा शशि के लापता होने की खबर आग की तरह फैली थी। अयोध्या कोतवाली में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया गया। मामला हाइप्रोफ़ाइल निकला। 27 अक्टूबर को तत्कालीन खाद्य प्रसंस्करण मंत्री आनंद सेन के निजी चालक विजय सेन से पूछताछ की गई। जबकि 30 अक्टूबर को विजय सेन और आनंद सेन की करीबी महिला सीमा आजाद पर शशि के अपहरण का केस दर्ज किया गया। जिसमें पूछताछ में चौकाने वाली बात सामने आई। विजय सेन ने स्वीकार किया कि शशि की मृत्यु हो चुकी है। जिसपर मायावती ने कड़ा तेवर अख्तियार करते हुए आनंद सेन से इस्तीफा ले लिया था।

गायत्री प्रजापति और सहयोगियों पर रेप केस

मुलायम सिंह यादव के करीबी और अमेठी से तत्कालीन समाजवादी पार्टी के विधायक गायत्री प्रजापति पर साल 2017 में दुष्कर्म का आरोप लगा था। उस समय की अखिलेश यादव सरकार में गायत्री प्रजापति मंत्री थे। और इस घटना पर अखिलेश यादव सरकार मीडिया को फेस नहीं कर पा रही थी। जिस मामले में गायत्री और उनके सहयोगियों को सज़ा भी हुई थी।

उन्नाव रेप कांड

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप कांड तो आप भूले भी नही होंगे। 4 जून 2017 को किशोरी के साथ गैंगरेप हुआ। योगी आदित्यनाथ के सूबे के पद ग्रहण करते ही इस तरह की घटना ने सरकार को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया था। योगी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी थी। 11 जुलाई 2018 को इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम सामने आया था।

योगी का गृह क्षेत्र भी दुष्कर्म से अछूता नहीं रहा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह नगर गोरखपुर में एक नाबालिक 12 साल की बिटिया के साथ एक मौलवी ने दुष्कर्म का प्रयास किया था। घटना के समय बच्ची मदरसे में पढ़ने गई थी। आरोप है कि मौलवी ने बच्ची को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़ित बच्ची जब मदरसे और मौलवी के चंगुल से निकलकर घर पहुंची तो उसने अपनी मां को आपबीती बताई। दुष्कर्म का आरोप गोरखपुर जिले के उरवा थाना क्षेत्र के एक मौलवी पर लगा था। जबकि दुष्कर्म खलीलाबाद के एक मदरसे में हुआ था।