गोरखपुर। SOG और गुलहरिया पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दोनों की संयुक्त टीम ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया और फर्जी IAS और उसके साथियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। गिरोह बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बनाते और नौकरी के नाम पर भारी रकम ऐठ लेते। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 4,15,500 नकद और सोने-चांदी के जेवर बरामद किए गए है।
गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
गोरखपुर पुलिस ने प्रेस वार्ता करते बताया कि सरकारी नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह का मुख्य आरोपी ललित किशोर, निवासी सीतामढ़ी खुद को आईएएस अधिकारी गौरव कुमार बताकर लोगों से ठगी करता था। वह मनाचाह पोस्टिंग, बड़े टेंडर, शादी और सरकारी नौकरी जैसी सेवाओं का झांसा देकर लोगों को फंसाता और करोड़ों रूपए ऐंठ लेता था।
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चार राज्यों में फैला नेटवर्क
पुलिस ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश ,बिहार, समेत चार राज्यों फैला था। अब तक इस गैंग ने 40 से अधिक लोगों को ठगा और AI के माध्यम से फर्जी टेंडर बनाकर लोगों को लूटा। फर्जी IAS ने रौब जमाने के लिए 8 निजी गनर रखे थे। किसी को शक न हो इसके लिए आरोपी भारत का झंडा, सफेद कार और फर्जी ID लेकर चलता था। तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से 4 लाख से अधिक नगदी और ज्वैलरी लैपटॉप, ATM कार्ड, पासपोर्ट, फर्जी ID कार्ड, नेमप्लेट, चेकबुक और पासबुक बरामद किया है।
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गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक ठेकेदार ने पुलिस को संदेहास्पद सरकारी टेंडर दिखाया। छानबीन के दौरान पता चला कि दस्तावेज में अधिकारी के हस्ताक्षर, मुहर और असली जैसा देखना वाला लेटरहेड पूरी तरह से नकली था। इसके बाद गुलरिहा पुलिस ने छानबीन शुरू की और एक स्पेशल टीम का गठन किया। GRP गोरखपुर ने बिहार चुनाव के दौरान इसी गैंग से जुड़े 99 लाख रुपये बरामद किए थे। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय कर रही है।
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