Worship at Taj Mahal, आगरा. जिला एवं सत्र न्यायालय ने सोमवार को ताजमहल में जलाभिषेक और पूजा अर्चना (worship at Taj Mahal) की मांग को लेकर दायर वाद की सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की अपील को खारिज कर दिया, जिसके बाद योगी यूथ ब्रिगेड को बड़ी जीत मिली है. न्यायालय ने यूनियन ऑफ इंडिया को भी इस मामले में पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.
इस वाद में हिंदूवादी पक्ष का दावा है कि ताजमहल को ‘तेजोमहालय’ नाम से पहचाना जाना चाहिए और इसे हिंदुओं के धार्मिक स्थल के रूप में पूजा-अर्चना के लिए खोला जाना चाहिए. इस मामले की सुनवाई लघुवाद न्यायालय में हो रही थी. जहां 13 सितंबर को एएसआई के अधिवक्ता ने मामले को खारिज करने की अपील की थी. एएसआई का तर्क था कि वे सरकारी अधिकारी हैं और उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. हालांकि, हिंदू पक्ष के वकील ने धारा 80 सीपीसी का हवाला देते हुए यह दलील दी कि सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चल सकता है यदि उचित नोटिस दिया जाए.
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न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एएसआई की अपील को खारिज कर दिया. योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने 23 जुलाई को इस वाद को दाखिल किया था. जिसके बाद अब तक इस मामले में तीन बार सुनवाई हो चुकी है. चौथी सुनवाई के बाद कोर्ट ने एएसआई की आपत्ति को खारिज कर दिया है.
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