आगरा. वैसे तो भाजपा सरकार खुद को किसान हितैषी बताती है, लेकिन असल में ढकोसला और जुमला है! भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुना करने का भी दावा करती है. हालांकि, दावे सफेद झूठ से कम साबित नहीं हो रहे. भाजपा राज में किसानों की दुर्दशा है. किसान खाद को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने और आसू बहाने पर मजबूर हैं. खाद के बदले किसानों को जिल्लत और लाठियां मिल रही है. सरकार आकड़ें पेश कर खाद की किल्लत न होने का दावा कर रही है. खाद को लेकर यूपी सरकार की पुलिस ने कई जगहों पर किसानों पर लाठियां तक भांजी है. जिसके कई वीडियो सामने भी आए हैं. अब खाद के लिए लाइन में खड़े किसान की मौत होने का मामला सामने आया है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि भाजपा सरकार में किसानों की ऐसी दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है? भाजपा राज में अन्नदाताओं के अच्छे दिन कब आएंगे? सवाल तो ये भी उठ रहे हैं कि क्या कृषि मंत्री खाक छान रहे हैं?

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बता दें कि पूरा मामला अकोला सहकारी समिति का है. जहां मजरा नगला परिमाल निवासी किसान जयदेव 3 दिनों से खाद के लिए चक्कर काट रहा था. जयदेव खाद के लिए घंटों धूप में लाइन में खड़े रहे. इस दौरान सीने पर तेज दर्द उठा और वहीं गिर गए. जिसके बाद जयदेव के पिता अस्पताल लेकर गए. जहां से डॉक्टरों ने हालत को देखते हुए आगरा रेफर कर दिया. अस्पताल ले जाते वक्त जयदेव की मौत हो गई.

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वहीं घटना के बाद परिजनों के बीच कोहराम मच गया. घटना के बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने जयदेव की माैत से नाराज होकर गांव में विरोध-प्रदर्शन किया. मृतक के पिता का कहना है कि बेटा 3 दिन से खाद के लिए भटक रहा था, लेकिन खाद नहीं मिल रही थी. खाद लेने के चक्कर में उसकी जान चली गई. इस घटना ने योगी सरकार की पोल खोलकर रख दी है. सारे दावे खोखले और झूठे साबित हो रहे हैं. झूठे दावा ही किसान की मौत की वजह भी बनी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सरकार और और कितने किसानों की बलि चढ़ाएगी?