लखनऊ. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जाति जनगणना को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि “जाति जनगणना सामाजिक न्याय का रास्ता है. जाति जनगणना सबका साथ, सबका विकास का रास्ता है. जाति जनगणना समाज को जोड़ेगी, बांटेगी नहीं. समाज को तोड़ने वाले अगर कहते हैं कि जाति जनगणना से समाज में दूरियां पैदा होंगी, तो ये वही कहावत है कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’.”
दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जाति आधारित जनगणना को संवेदनशील मुद्दा बताया है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि हमारे हिंदू समाज में हमारी जाति और जाति संबंधों का एक संवेदनशील मुद्दा है. ये हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.
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उन्होंने कहा कि इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए, न कि इस पर राजनीति होनी चाहिए. आरएसएस ने जाति जनगणना को लेकर कहा कि सभी कल्याणकारी गतिविधियों के लिए विशेष रूप से किसी विशेष समुदाय या जाति को संबोधित करना जो पिछड़ रहे हैं और जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
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