लखनऊ. प्रधानमंत्री मोदी ने बीते शुक्रवार को तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया और साथ ही उन्होंने एमएसपी सहित दूसरे मुद्दों पर एक कमेटी बनाने का आश्वासन भी दिया. पीएम मोदी के ऐलान के बावजूद किसान संगठनों ने तत्काल आंदोलन वापस लेने से इनकार कर दिया. किसान आंदोलन की वापसी को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सिर्फ एक मुद्दा कम हुआ और बाकी सभी मुद्दे शेष हैं. टिकैत ने कहा कि सिर्फ एक मुद्दा कम हुआ है और बाकी शेष हैं. 750 किसान जो शहीद हुए हैं, उनके घरवालों को क्या जवाब देंगे, ऐसे किसान नहीं जाएगा.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बैठ कर बात करें. हम मुकदमों को लेकर घर नहीं जाएंगे. शहीद किसानों के घर वालों को क्या जवाब देंगे. हमारी मांगें पूरी नहीं हुई है. एमएसपी को लेकर भी कानून बनना चाहिए. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर खाली करने की बात नहीं हुई है. किसान एक साल से यहां आंदोलनरत हैं. 750 किसानों की शहादत हुई है. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.

इसे भी पढ़ें – कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद फिर उठी CAA को खत्म करने की मांग

राकेश टिकैत ने कहा कि जो एक साल तक लोग यहां रहे. उनकी शहादतें हुई. मुक़दमे दर्ज हुए. साथ ही उन्होंने पेनाल्टी सिस्टम का जिक्र करते हुए कहा कि एक साल का जो भी घटनाक्रम हुआ, जितने दिन भी लेट हुए. उसका हिसाब बराबर होने पर ही वापस जाएंगे. बता दें कि शनिवार को किसान संगठनों के बीच हुई बैठक में फैसला लिया गया कि पहले से निर्धारित कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं होगा. किसान संगठनों ने कहा है कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली रैली और 29 नवंबर को होने वाले संसद मार्च में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा.

Read also – 10,488 Infections Logged; Over 116.50 Crore Beneficiaries Immunized