संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सरायतरीन इलाके में मंगलवार को भगवान राधा-कृष्ण का मंदिर मिला था। अब इसी मंदिर के पास एक प्राचीन कुआं मिला है। करीब 40 साल पहले स्लैब डाल कर कुएं को बंद कर दिया गया था। कुएं का आधा हिस्सा मंदिर में है और आधा हिस्सा सड़क पर है। वहां पर मौजूद एक बीजेपी नेता ने कुएं को ढूंढा और फिर खुदाई शुरु करवाई।

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राधा-कृष्ण का मंदिर का अपना धार्मिक महत्व

राधा-कृष्ण मंदिर के आस पास रहने वाले लोगों ने बताया कि यहां पहले कुरैशी और सैनी बिरादरी के लोग रहते थे। जिन्होंने अपने मर्जी से मकान बेच दिया और यहां से चले गए। हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि राधा-कृष्ण का मंदिर का अपना धार्मिक महत्व है और इसकी देखभाल करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। पुलिस ने कल मंदिर का ताला खोला और साफ-सफाई शुरू की।

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16 दिसंबर को डूंगर सराय मोहल्ले में मिला कुआं

इससे पहले 16 दिसंबर को संभल कोतवाली क्षेत्र के डूंगर सराय मोहल्ले में अतिक्रमण अभियान के दौरान प्रशासन को एक और कुएं मिला था। जिसके बाद तहसील प्रशासन ने कुएं को कब्जा मुक्त कराया और SDM ने मौके पर पहुंचकर खुदाई शुरू कराई। इस दौरान संभल के डीएम ने कहा था कि संभल नगर में 68 तीर्थ और 19 कूप माने जाते हैं, जिनको खोज में जिला प्रशासन जुटा हुआ है।

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बता दें कि बीते शनिवार 14 दिसंबर को संभल जिले के खग्गू सराय के पास प्रशासन को 46 साल पुराना भगवान शिव मंदिर मिला था। इसी मंदिर के पास एक प्राचीन कूप भी मिली थी। जिसकी खुदाई के दौरान सोमवार को अधिकारियों को शिव, पार्वती, लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी मूर्ति मिली है। वहीं संभल में 46 साल बाद खोले गए मंदिर का नाम “प्राचीन सम्भलेश्वर महादेव” रखा गया है। मंदिर खुलते ही यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। दूर दराज से आकर लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे है।