लखनऊ। केंद्र सरकार ने महाकुंभ में भारत के साथ-साथ 45 देशों के 352388 श्रद्धालुओं का सर्वे कराया। सर्वे में पर्यटकों ने अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज में संगम को देश के टाप डेस्टिनेशन के रूप में चुना। यह भी सामने आया कि मेले के दौरान प्रयागराज आने वाले घरेलू और विदेशी श्रद्धालुओं ने औसतन 5877.63 रुपये व्यय किया। इस प्रकार महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह जानकारी मेसर्स डिलायट द्वारा दी गई।
भारत सरकार ने कराया सर्वे
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मेसर्स डिलायट राज्य की वन ट्रिलियन डालर इकोनामी के लक्ष्य में पर्यटन के अधिकतम योगदान पर कार्य कर रहा है। संस्था की ओर से बताया गया कि भारत सरकार द्वारा महाकुंभ स्पीरिचुअल सर्वे-2025 कराया गया था। इसका उद्येश्य देश के टाप डेस्टिनेशन का पता करना था ताकि वहां का आवश्यकतानुरूप विकास किया जा सके। इस क्रम में 28 जनवरी से 26 फरवरी के बीच प्रयागराज में तेलियरगंज, झूंसी, अरैल, परेड ग्राउंड सहित अन्य स्थलों पर आल इंडिया इंस्टिट्यूट आफ लोकल सेल्फ गर्वनमेंट (एआइआइएलएसजी) द्वारा सर्वे कराया गया।
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प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान
सर्वे में यूएसए, यूके, कनाडा, नेपाल, आस्ट्रेलिया, फिजी सहित 45 देशों के 1093 पर्यटकों ने जबकि भारत के 351295 पर्यटकों ने हिस्सा लिया। सभी से इसमें लास्ट विजिटेडप्लेस में 27.32 प्रतिशत ने अयोध्या, 22.68 प्रतिशत ने संगम प्रयागराज और 8.81 प्रतिशत लोगों ने वाराणसी बताया। आगामी भ्रमण में 32.57 प्रतिशत ने संगम प्रयागराज, 12.46 प्रतिशत ने अयोध्या और 7.46 प्रतिशत ने वाराणसी चुना। इसके साथ ही अपनी पसंदीदा जगह में 22.55 प्रतिशत लोगों ने अयोध्या, 19.96 प्रतिशत ने संगम प्रयागराज और 12.27 प्रतिशत ने अयोध्या को चुना। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि इस प्रकार महाकुंभ ने भारतीय संस्कृति को विश्व में प्रचारित करने के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पर्यटन विभाग ने विशिष्ट अनुभव प्रदान किया।
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विदेशी पर्यटकों ने महाकुंभ को दी प्राथमिकता
सर्वे के मुताबिक घरेलू पर्यटकों ने परिवार के साथ जबकि विदेशी पर्यटकों ने अकेले महाकुंभ भ्रमण को प्राथमिकता दी। सर्वे के मुताबिक 40 प्रतिशत भारतीय परिवार के साथ, 30.88 प्रतिशत अकेले, 29.13 प्रतिशत दोस्तों के साथ जबकि 55.26 प्रतिशत विदेशी पर्यटक अकेले, 24.43 प्रतिशत परिवार के साथ, 20.31 प्रतिशत प्रतिशत दोस्तों के साथ भ्रमण के लिए आए थे। पर्यटकों ने यात्रा पर 41.11 प्रतिशत, ठहरने पर 16.64 प्रतिशत, खानपान पर 11.24 प्रतिशत, धार्मिक सामग्रियों के खरीद में 11.08 प्रतिशत, मनोरंजन आदि पर 2.13 प्रतिशत, शॉपिंग पर 7.42 प्रतिशत तथा अन्य पर 10.38 प्रतिशत खर्च किया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि इस प्रकार महाकुंभ ने भारतीय संस्कृति को विश्व में प्रचारित करने के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पर्यटन विभाग ने विशिष्ट अनुभव प्रदान किया।
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