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आजमगढ़. यूपी का सिस्टम गजब है… गजब ऐसे कि सिस्टम का कोई न कोई विभाग आए दिन नए-नए कांड कर सुर्खियों में रहता है. वो भी कांड छोटे-मोटे नहीं, बड़े-बड़े. ऐसा ही एक मामला बिजली निगम से सामने आया है. बिजली निगम ने 1 साल पहले बने मकान का बिजली बिल 799 करोड़ रुपये भेजा है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या बिजली निगम के जिम्मेदार नशे में हैं? अगर नहीं तो इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई. सवाल ये भी है कि आखिर क्या कार्रवाई होगी?
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बता दें कि पूरा मामला आराजीबाग मोहल्ले का है. जहां डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बिजेंद्र ने 1 साल पहले ही मकान बनवाया है. अब बिजली निगम ने उन्हें 799 करोड़ रुपये का बिजली बिल भेजा है. जैसे ही उन्होंने इतना लंबा चौड़ा बिल देखा उनके भी होश उड़ गए. जिसके बाद मामले की शिकायत बिजली निगम के अधिकारियों से की. जिस पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि अगले महीने से सुधार कर दिया जाएगा.
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वहीं आश्वासन के बाद भी अब तक कोई सनाधान नहीं हुआ है. जिसके बाद उन्होंने मामले की लिखित शिकायत अधिशासी अभियंता से भी की. लेकिन उन्होंने भी वही बात चिपका दी कि अगले महीने से ठीक कर दिया जाएगा. उनकी भी बात दूर की कौड़ी नजर आई और बिल जस का तस है. उसके बाद विद्युत निगम के मुख्य अभियंता से बात की गई तो उन्होंने जानकारी न होने की बात कहकर बिल की कॉपी भेजने की बात कही. साथ ही जांच कराकर ठीक कराने का आश्वासन दिया.
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