उमंग अग्रवाल, कानपुर देहात. प्रदेश में लगातार अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. प्रदेश सरकार और पुलिस भले ही प्रदेश में रामराज की बात कर रही हो, लेकिन तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं. मामला कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र का है, जहां निजी काम से घर लौट रहे बीएसएफ के जवान पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. सरेराह हुई इस घटना से इलाकाई लोगों में दहशत का माहौल बन गया है.

उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदेश की पुलिस व सूबे के मुखिया भले ही अपराधों पर अंकुश लगे होने की बात कह रहे हो, लेकिन प्रदेश में अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं. अपराधी लगातार घटनाओं को अंजाम देते जा रहे हैं तो वहीं पुलिस महज जांच की ढपली बजाती नजर आती है. देश की सुरक्षा करने वाले ही जब सुरक्षित नहीं है तो वहां आम इंसान का क्या होगा. जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात की जहां अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. छुट्टी पर घर आए बीएसएफ के एक जवान को बदमाशों ने अपना निशाना बना लिया. कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले शैलेंद्र सिंह दरअसल बीएसएफ में सिपाही के पद पर तैनात हैं और छुट्टी के दिनों में वह अपने घर पर आए हुए थे.

सूत्रों की माने तो पुरानी रंजिश के चलते करीब के गांव के ही कुछ दबंगों ने इस घटना को अंजाम दे दिया. घटना भी ऐसी कि इलाके के लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. दरअसल शैलेंद्र सिंह अपने किसी निजी काम से बाजार गए हुए थे. रात के करीब 9 बजे लौटते वक्त शैलेंद्र सिंह की बाइक को रोककर कुछ बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया. जिससे शैलेंद्र सिंह अपने आप को बचाते हुए भागे, लेकिन कई राउंड चली गोलियों में एक गोली ने शैलेंद्र सिंह को अपना निशाना बना लिया और घायल अवस्था में शैलेंद्र सिंह भागते हुए गिर गए. इलाके में गोलियों की आवाज सुन इलाकाई लोगों को इकट्ठा होने में देर नहीं लगी जिन्हें देख बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गए.

घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने घायल शैलेंद्र सिंह को प्राथमिक उपचार के लिए राजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचया. जहां उनकी हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने उन्हें अकबरपुर माती जिला अस्पताल रेफर कर दिया. हालांकि पीड़ित ने गोली चलाने वाले कुछ लोगों को पहचान लिया है पुरानी रंजिश के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया है. फिलहाल पुलिस मौके पर घटना की जांच कर रही है और शक के आधार पर पीड़ित की ओर से लिए गए नामों की जांच भी कर रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर अपराधियों के हौसले के आगे पुलिस इतनी बौनी क्यों दिख रही है. आखिर कब तक अपराध का ग्राफ बढ़ता रहेगा और पुलिस यूं ही जांच की ढपली बजाती रहेगी.