प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सईद अहमद के बेटे कावी अहमद को आईपीसी की विभिन्न धाराओं 376 (दुष्कर्म) और धारा 3, 5(1) (जबरदस्ती धर्मातरण का प्रयास) के आरोप के तहत दर्ज एक मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने कावी अहमद को अंतरिम अग्रिम जमानत देते हुए सुनवाई की अगली तारीख सात जनवरी 2022 तय की है और राज्य सरकार को मामले में जवाब (जवाबी हलफनामा) दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.

याचिकाकर्ता की दलील थी कि प्राथमिकी में उन पर दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगाए गए क्योंकि उनके और मामले में शिकायतकर्ता महिला के बीच व्यापारिक संबंध थे, जो समय बीतने के साथ खराब हो गए और उन्हें व्यापार में घाटा होने लगा. इस साल 13 सितंबर को, कावी अहमद के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मारपीट, लूट और दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए और यूपी के धर्मातरण निषेध अध्यादेश, 2020 के तहत गलत बयानी द्वारा जबरन धर्मातरण के प्रयास का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

महिला ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि वह मिस इंडिया प्रतियोगिता की तैयारी कर रही थी और सिविल लाइंस में जिम चलाती थी. 2018 में, वह कावी अहमद के संपर्क में आई, जिसने उसका नाम बदलकर उससे दोस्ती कर ली. आरोपी उसे ब्यूटी पार्लर खोलने के बहाने लखनऊ ले गया, जहां उसने नशीला पदार्थ देकर उसका यौन शोषण किया। उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने लगा. 12 सितंबर 2021 को शहर के सिविल लाइंस इलाके में आरोपी ने महिला पर हमला कर दिया और उसका पीछा किया. अपनी जान बचाने के लिए पीड़िता पुलिस चौकी में भाग गई जिसके बाद उसने वर्तमान प्राथमिकी दर्ज कराई.