वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के 11 वैज्ञानिकों पर मानहानि का दावा किया गया है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कंपनी ने ये दावा किया है. कंपनी ने वैज्ञानिकों पर 5 करोड़ रुपये का दावा ठोका है. वैज्ञानिकों ने वैक्सीन (Vaccine) को लेकर रिसर्च पेपर जारी किया था. वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर ये पेपर प्रकाशित किया गया था. प्रकाशन के बाद रिसर्च के तरीकों पर सवाल भी उठे थे. विवाद के बाद इसकी समीक्षा कर पब्लिक डोमेन से रिसर्च पेपर को हटा दिया गया था. वैज्ञानिकों पर मानहानि के दावे से विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है.
बीएचयू के कोवैक्सीन पर किए गए विवादित शोध पत्र को इंटरनेशनल जर्नल ड्रग सेफ्टी ने वापस ले लिया है. संपादक के मुताबिक रिसर्च पेपर में वैक्सीन के नुकसान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था. ये शोध 1024 लोगों पर आधारित था, जिसमें 635 किशोर और 291 वयस्क शामिल थे. शोध में कुछ प्रतिभागियों में सांस संबंधी समस्याएं, खून के थक्के जमना, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की बात कही गई थी.
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कोवैक्सीन (Covaxin) बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने इस शोध के खिलाफ मानहानि का दावा किया है और बीएचयू के प्रोफेसर समेत अन्य वैज्ञानिकों को निशाने पर लिया है. ये विवाद लोकसभा चुनाव के दौरान गहरा गया था, जिससे राजनीतिक चर्चा भी तेज हुई. आईसीएमआर (ICMR) ने भी इस शोध को लेकर आपत्ति जताई थी और जांच की मांग की थी.
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