विक्रम मिश्र, लखनऊ. लोकसभा 2024 के चुनावी नतीजों में उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिलने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा अपने किले को फिर से सहेजने में लग गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दो साल के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है. सीतापुर के पूर्व सांसद राजेश वर्मा को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग का अध्यक्ष बनाया है. मिर्जापुर के सोहन लाल श्रीमाली और रामपुर के सूर्य प्रकाश पाल को उपाध्यक्ष नामित किया गया है.

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राजधानी लखनऊ में बीते दिनों संघ, सरकार और संगठन की बैठक के बाद पूर्व सांसद राजेश वर्मा की अध्यक्षता में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नामित सदस्यों को शुभकामनाएं दी. इसके अलावा 24 सदस्य को भी डिप्टी सीएम ने बधाई दी.

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लखनऊ में लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त पर जानकारी लेने के लिए संघ, सरकार और संगठन एक छत के नीचे आए. बैठक के बाद पिछड़ी जातियों पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए 2 साल से भंग हुए आयोग को पुनर जागृत करने के लिए मांग की गई. जिसके बाद तीन बार के सांसद रहे राजेश वर्मा की अध्यक्षता में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है.

सदस्यों में चंदौली के सत्येंद्र कुमार बारी, सहारनपुर के मेलाराम पवार, कुशीनगर के फुल बदन कुशवाहा, मऊ के विनोद यादव, चंदौली के शिव मंगल बयार, कानपुर के अशोक सिंह और ऋचा राजपूत, गोरखपुर के चिरंजीव चौरसिया, रवींद्र मणि और आरडी सिंह, झांसी के कुलदीप विश्वकर्मा, लखनऊ के लक्ष्मण सिंह, विनोद सिंह, रामशंकर साहू, गाजीपुर के डॉ. मुरहू राजभर, सुल्तानपुर के घनश्याम चौहान, महराजगंज के जनार्दन गुप्ता, जालौन के बाबा बालक, शामली के रमेश कश्यप और प्रमोद सैनी, सीतापुर के करुणा शंकर पटेल, कासगंज के महेंद्र सिंह राणा और प्रयागराज के राम कृष्ण सिंह पटेल को सदस्य नामित किया गया है.