प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या मामले में सजा काट रहे पूर्व सांसद उमाकांत यादव को बड़ी राहत दी है। पूर्व सांसद उमाकांत यादव को कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। इस खबर से उनके समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी रही है। उमाकांत लंब समय से जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल कर रहे थे।

जीआरपी सिपाही हत्याकांड मामले में सजा काट रहे

बता दें कि पूर्व सांसद उमाकांत यादव 4 फरवरी 1995 जीआरपी सिपाही हत्याकांड मामले में जेल में सजा काट रहे हैं। इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। सात में से एक आरोपी उमाकांत यादव भी है। जेल में बंद रहते हुए उमाकांत यादव ने खुटहन से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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खुटहन से चुने गए थे विधायक

गौरतलब है कि उमाकांत यादव ने साल 1991 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी की टिकट से खुटहन विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए थे। उसके बाद साल 1993 में वे सपा और बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए थे। साल 1996 में दोनों पार्टी का गठबंधन टूट गया और उमाकांत ने हाथी का साथ छोड़ साइकिल की सवारी की और वहां से विधायक भी चुने गए थे।

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जेल में रहते जीता था लोकसभा चुनाव

साल 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उमाकांत यादव ने बीजेपी-जदयू गठबंधन के टिकट पर खुटहन से चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ललई ने उन्हें पटखनी दे दी। साल 2004 में उमाकांत यादव ने जेल में बंद रहते हुए बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी को हराकर सांसद चुने गए थे।