बागपत. जिले में आज पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की संपत्तियों की नीलामी होने जा रही है. ये संपत्ति उनके परिवार ने भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय छोड़ी थी. उनका परिवार कोताना गांव में रहता था. मुशर्रफ और उनके परिवार की संपत्तियां बागपत के अलावा देश की राजधानी दिल्ली के पुरानी दिल्ली इलाके में भी हैं. जो कि हवेली के रूप में है.

बताया जाता है कि 1947 में बंटवारे के वक्त काफी लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. ऐसे में उनकी सारी अचल संपत्तियों को भारत सरकार ने चिन्हित कर शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था. इस समय उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुल मिलाकर 5974 शत्रु संपत्तियां हैं. फिलहाल ये सारी शत्रु संपत्तियां गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन हैं. नीलामी की प्रक्रिया भी भारत सरकार की ही देखरेख में कराई जा रही है.

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बीते दिनों ही भारत सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की थी. जिसमें कुल 49 शत्रु संपत्तियों की नीलामी आज होगी. जानकारी के मुताबिक इनमें से 41 संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं. इनमें से एक संपत्ति पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेश मुशर्रफ की बागपत जिले में है. जिसमें कोताना स्थित पुश्तैनी हवेली और कुछ जमीनें भी है. कोताना गांव में मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुदीन और मां बेगम जरीन रहा करते थे. हालांकि बाद में वे पुरानी दिल्ली में रहने लगे थे. इस गांव में रहने वाले लोगों के मुताबिक मुशर्रफ के पिता यहां से दिल्ली जाने के बाद भी गांव से जुड़े रहे. हालांकि जब उनक पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया तो इन संपत्तियों को देखने वाला भी कोई नहीं रहा.

40 अन्य लोगों की संपत्ति भी होगी नीलाम

गांव वालों की मानें तो बंटवारे के समय मुशर्रफ के परिवार के नूरू मियां ने पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया था. हालांकि 18 साल बाद भारत में रहने के बाद उन्होंने भी भारत छोड़ दिया था. जानकारी के मुताबिक मुशर्रफ के अलावा यूपी के अन्य जिलों में स्थित 40 अन्य लोगों की संपत्तियों की भी नीलामी की जाएगी. यह सभी लोग देश के बंटवारे के वक्त भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे.