गोरखपुर। नाथपंथ की ख्याति पूरी दुनिया में अपने लोक कल्याणकारी ध्येय के लिए है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी नाथपंथ के सबसे प्रमुख केंद्र और शिवावतारी महायोगी गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली गोरक्षपीठ के वर्तमान अधिष्ठाता हैं.
इस पंथ के वैश्विक योगदान का स्मरण करते हुए सम्प्रतिकाल में इसकी अनिवार्य प्रासंगिकता पर मंथन करने को दुनियाभर के नाथपंथी विद्वान तीन दिन तक पंडित दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर में ऑनलाइन या ऑफलाइन मौजूद रहेंगे. इसके लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरफ से 20 से 22 मार्च तक नाथपंथ का वैश्विक प्रदेय विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है.
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 मार्च को गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में सुबह 9ः30 बजे करेंगे. इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहेंगे. सीएम योगी संगोष्ठी के दूसरे दिन और समापन अवसर पर भी उपस्थित रहेंगे. मुख्यमंत्री गोरखपुर विश्वविद्यालय की अर्न व्हाइल लर्न योजना और गृह विज्ञान विभाग के सोविनियर शाॅप और बिजनेस इनक्यूबेटर सेल का भी लोकार्पण करेंगे. छात्रों को पढ़ाई के दौरान से ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाली अर्न व्हाइल लर्न योजना की गोरखपुर विश्वविद्यालय में शुरुआत भी सीएम योगी की प्रेरणा से हो रही है. पहले चरण में इसका लाभ 100 छात्रों को मिलेगा.
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नाथपंथ पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान छह क्षेत्रों में करीब तीन दर्जन तकनीकी सत्रों में देश और दुनिया के कोने-कोने से नाथपंथ के विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर आयोजित हो रही अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी दुनिया के कोने-कोने में फैले नाथपंथ के अनुयायियों के लिए प्लेटफार्म बनने जा रही.
इससे देश-विदेश में अनेक भाषाओं में उपलब्ध नाथपंथ के साहित्य को इकट्ठा कर उनके अनुवाद का मार्ग भी प्रशस्त होगा संगोष्ठी में स्पेन से भगवाननाथ, आस्ट्रिया से योगी हालमननाथ, ब्राजील से योगिनी देवकीनाथ, अमेरिका के मिसिगन यूनिवर्सिटी से प्रो. माधव देश पांडेय, मारीशस डा. विश्वानंद पुटिया, मध्यप्रदेश के डा. हरि सिंह, गौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. बलवंत जानी, इंडियन काउंसिल के चेयरमैन प्रो. आरसी सिन्हा, अमेरिका से कपिलनाथ, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. सुधीर सिंह, महाराष्ट्र से योगी विलासनाथ, रूस से योगी मत्स्येन्द्र नाथ, बांग्लादेश से डा. कुशल बी. चक्रवर्ती, जेएनयू दिल्ली से प्रो. कपिल कपूर, रोहतक के बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के प्रो राम सजन पांडेय, हिमांचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. हरमहेंद्र सिंह बेदी समेत देश व दुनिया से नाथपंथ के विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में जुड़ेंगे.
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