प्रयागराज. बाघंबरी गद्दी के महंत व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में आरोपी आनंद गिरि की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने सीबीआई से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. आनंद गिरी पर नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.
कोर्ट में दोनों पक्ष के वकीलों ने बहस की. आनंद गिरि के वकीलों ने याचि की ओर से बहस की और कहा कि याचि को फंसाया गया है. कोर्ट ने दोनों तरह के वकीलों की सुनवाई के बाद सीबीआई से 4 हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है. आनंद गिरि की ओर से उनके वकील विनीत विक्रम व इमरानुल्ला खान ने जमानत याचिका दाखिल की और पक्ष रखा. हाईकोर्ट को बताया कि याचि का सिर्फ सुसाइड नोट में नाम आया है. इसके अलावा याची के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. जबकि जिस दिन ये घटना घटित हुई उस दिन याचि शहर से दूर हरिद्वार में मौजूद था. उसे एसएचओ जार्जटाउन ने फोन पर घटना की जानकारी दी थी. आनंद गिरि के वकील ने हाईकोर्ट में उनका पक्ष रखते हुए कहा कि खुदकुशी नोट में कटिंग है और अगस्त 21 में मर चुके संत का भी नाम आया है.
वहीं याची ने खुदकुशी नोट को भी संदिग्ध बताया है. उनका कहना है कि सुसाइड नोट में उसका नाम आया है. इसके अलावा याची के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. घटना के समय वह शहर से दूर हरिद्वार में था. जहां एस एच ओ जार्जटाउन ने फोन पर जानकारी दी. खुदकुशी नोट में कटिंग है और अगस्त 21 में मर चुके संत का भी नाम आया है. नोट मृतक महंत के द्वारा नहीं लिखा गया है.