बाराबंकी. कहावत है कि ‘जाको राखे साईयां मार सके न कोय’ जी हां एक घटना बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र से गुजरी घाघरा नदी के संजय सेतु की है. यहां पर बीती शुक्रवार की रात करीब 12 बजे लखनऊ से श्रावस्ती जा रहे एक परिवार की 18 वर्षीय युवती को उसके सगे भाई ने संजय सेतु पर कार से उतारकर सरयू नदी (घाघरा) फेंक दिया और फरार हो गया.
शुक्रवार की रात 12 बजे सरयू नदी में फेंकी गई युवती सुबह करीब साढ़े 5 बजे नदी संजय सेतु पुल से 16 किमी दूर टिकैतनगर थानाक्षेत्र के तेलवारी घाट के पास जीवित अवस्था मे बहती हुई पंहुची. शौच के लिए निकले ग्रामीणों को युवती ने तेज आवाज लगाकर पुकारा और कहा मुझे निकाल लीजिए. इस पर तेलवारी गांव के लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद नदी की लहरों में बहकर आई युवती को निकाल लिया. उसके बाद टिकैतनगर पुलिस को सूचना दी. जानकारी मिलने पर पंहुची पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि हमारी भाभी की तबियत ठीक नही रहती थी, उन्हें लखनऊ दिखाने के लिए भाई-भाभी मुझे और मेरी छोटी बहन को लेकर शुक्रवार को करीब 3 बजे श्रावस्ती से लखनऊ पंहुचे थे. भाई ने वहां पहुचने पर कहा कि आज डाक्टर नहीं मिलेंगे काफी देर इंतजार करने के बाद देर शाम भाई ने कहा कि चलो बाद में दिखा दिया जाएगा.
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इसके बाद देरशाम वापस श्रावती के लिए हम लोग निकले और 12 बजे भाई ने गाड़ी संजय सेतु पर खड़ी कर दी और कहा कि टायर पंक्चर हो गया है. सभी लोग उतर जाओ थोड़ी बाहर की भी हवा खा लो इस पर हम लोग गाड़ी से उतर गए. फिर भाई और भाभी ने पहले की योजना अनुसार नदी में फेंक दिया. युवती ने बताया कि दरसल हमारे पिता ने जो वसीहत की थी उसमें मैं और मेरी छोटी बहन का ही नाम था, भाई का नाम नहीं था. उसी बात को लेकर अक्सर घर मे भाई मुझे पीटा करते थे और अब उसने मुझे नदी में ही फेंक कर जान से मार डालने की योजना बना डाली.
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