लखनऊ. इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का 13वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. राजेंद्र सिंह परोदा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. वहीं भारत में नाइजीरिया के उच्चायुक्त अहमद सुले ने दीक्षांत भाषण दिया. इस बार दीक्षांत समारोह में 3095 डिग्रियां के साथ ही दो लोगों को मानद उपाधि प्रदान की गई. वहीं 73 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.

कॉन्वोकेशन में मधुरिमा गुप्ता, एमटेक इलेक्ट्रॉनिक (सर्किट एंड सिस्टम) और फरीहा फातिमा, बीटेक (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) विश्वविद्यालय के टॉप स्कोरर रहे. दीक्षांत समारोह में 3095 डिग्रियां प्रदान की गई. जिसमें से 33 को पीएचडी की उपाधि दी गई. 628 को PG और 2218 को UG डिग्री मिली. साथ ही 42 MBBS स्टूडेंट्स व 2216 डिप्लोमा स्टूडेंट्स को भी डिग्री मिली. दीक्षांत समारोह में 73 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल व 72 को सिल्वर मेडल मिला.

इन्हें मिली मानद उपाधि

कॉन्वोकेशन सेरेमनी में फाउंडेशन फॉर एडवांसिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी के CEO को डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. इसके अलावा अवध के ख्याति प्राप्त इतिहासकार को भी मानद उपाधि से ही सम्मानित किया गया. इंटीग्रल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जावेद मसर्रत ने यूनिवर्सिटी के एकेडमिक परफॉरमेंस व शैक्षिक सत्र की उपलब्धियों के बारे में बताया. वहीं नाइजेरिया के राजदूत ने छात्रों को यह कहकर प्रेरित किया कि उन्हें हार नहीं माननी चाहिए अधिकाधिक सफलता प्राप्त करने के लिए खुद से प्रयासरत रखना चाहिए. पद्मभूषण डॉ राजेंद्र सिंह परोदा में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के नाम को प्रभावी बताते हुए इसे एकीकृत करने का परिचायक बताया.