प्रयागराज. आगामी माघ मेला टाउनशिप में कई दागी और जेल में बंद साधुओं और धार्मिक संगठनों को जमीन आवंटित की गई है, जिससे साधु बिरादरी में असंतोष पैदा हो गया है. आनंद गिरि, जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में नैनी सेंट्रल जेल में बंद है, ऐसे ही एक संत हैं.

गंगा सेना शिविर के संस्थापक आनंद गिरि को पिछले साल उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद गिरफ्तार किया गया था, जो 20 सितंबर को उनके आश्रम में मृत पाए गए थे. गंगा सेना को सेक्टर-5 में जमीन आवंटित की जा रही है. बता दें कि 2019 में कुंभ मेले के दौरान महंत नरेंद्र गिरि ने ही मेला प्रशासन से दागी संस्थाओं को जमीन न देने का अनुरोध किया था, जिसके बाद तत्कालीन मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने ऐसे सभी संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया था.

एक और दागी संत जिन्हें माघ मेला बस्ती में जमीन आवंटित की गई है, वे हैं साकेत धाम के राम सुभग दास, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘बिनाका बाबा’ कहा जाता है. वह इस समय रेप के आरोप में मध्य प्रदेश की जेल में है. साकेत धाम शिविर का आयोजन त्रिवेणी रोड पर गंगा के झांसी किनारे पर होता है. इस साधु का शिविर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अपनी पसंद के लिए लोकप्रिय था. उनके शिविर में हमेशा सभी हाई-टेक व्यवस्थाएं होती थीं और ‘बिनाइका बाबा’ हमेशा वॉकी-टॉकी पर उपलब्ध रहते थे. वह मेला क्षेत्र में अपने शिविर में सीसीटीवी कैमरे लगाने वाले पहले लोगों में शामिल थे.

स्वामी अमृत दास इस वर्ष इस संस्था के शिविर की देखरेख करेंगे. माघ मेला अधिकारी शेषमणि पाण्डेय से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सच है कि कुछ संत जेल में हैं, लेकिन उनके शिविरों में कल्पवासी आते हैं, जो हर साल यहां रहते हैं. ऐसे में संगठन के अन्य लोगों ने आवंटन के लिए आवेदन किया था. भूमि का आवंटन कल्पवास के लिए आने वाले लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए किया गया है.