झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के एक निजी अस्पताल पर इलाज के बाद मौत होने पर शव को पैसे के बदले रोकने का गंभीर आरोप लगा है। ललितपुर निवासी युवक दिनेश कुशवाहा की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से 77 हजार रुपये की शेष राशि मांगी और रकम न देने पर करीब पांच घंटे तक शव नहीं सौंपा गया। बाद में गांव के लोगों की मध्यस्थता के बाद 25 हजार रुपये जमा कराने पर शव परिजनों को सौंपा गया।
मरीज की जान नहीं बच सकी
बताया गया कि सड़क हादसे में घायल दिनेश को पहले झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, लेकिन एंबुलेंस चालक कथित तौर पर उन्हें एक परिचित के निजी अस्पताल ले गया, जहां भर्ती कर इलाज किया गया। छह दिन में परिजनों से भारी रकम की दवा मंगाई गई और कुल बिल 1.14 लाख रुपये बताया गया। परिवार का कहना है कि इलाज के खर्च में जमीन तक बेचनी पड़ी, लेकिन मरीज बच नहीं सका।
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घर जाते समय हादसे का शिकार
मृतक की पहचान नाराहट गांव निवासी 27 वर्षीय दिनेश कुशवाहा के रूप में हुई है, जो बहन के घर जाते समय हादसे का शिकार हुए थे। हादसे और कथित अवैध वसूली से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, वहीं गांव में घटना को लेकर आक्रोश है। ललितपुर पुलिस से मामले में जांच की मांग उठ रही है।
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