कानपुर देहात. एक और दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. जहां खाकी ने महिलाओं की मर्यादा की सारी सीमाएं तार-तार कर दी है. अभी लखीमपुर की घटना को चंद रोज भी नहीं हुए कि योगी की पुलिस ने फिर अपना आपा खो दिया है. मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर थाने के गांव दुर्गदास पुर का है. जहां संबंधित चौकी इंचार्ज उनि. महेन्द पटेल और चार सिपाहियों ने एक परिवार पर कहर ढहा दिया. बिना महिला कांस्टेबल के पीड़ित के घर दबिस देने पहुंचे.

चौकी इंचार्ज ने शिवम की मां श्यामा देवी और पत्नी इंदजीत पूरे परिवार की महिलाओं को गिरा-गिरा कर मारा और महिला के सीने पर चढ़ गया. अपनी सास को बचाने आई बहू आरती को भी चौकी इंचार्ज ने नहीं छोड़ा और उसको गिरा कर सीने पर चढ गया. शिवम को भी गिरा-गिरा कर पूरे गांव के सामने मारते हुए दारोगा थाने ले गया. जबकि पीड़ित पक्ष के खिलाफ कोई एनसीआर तक नहीं है.

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संबंधित मामले को लेकर पीड़ित परिवार बिल्हौर से विधायक भगवती प्रसाद सागर से दिनांक शनिवार को मिला और परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना होने का अंदेशा जताया. जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए विधायक ने आईजी कानपुर जोन को संबंधित घटना से अवगत करा दिया था. लेकिन आईजी और विधायक के आदेश को ना मानते हुए चौकी इंचार्ज ने अमानवीय कृत को अंजाम दिया. अब देखना है कि महिलाओं के सम्मान में हमेशा आवाज बुलंद करने वाले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इसमें कब तक न्याय करते हैं.

अखिलेश यादव ने की निंदा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के कृपापात्र बने कुछ पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार से प्रदेश की समस्त पुलिस की छवि धूमिल होती है. भाजपा के शासन में दुशासन की कमी नहीं. घोर निंदनीय!

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