गोविंद पटेल, कुशीनगर. एक ओर भाजपा सरकार “बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ” का नारा बुलंद करती है. वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत उसके उलट नजर आती. ये नारा हकीकत में छलावा के अलावा कुछ नहीं है! जिसका जीती जागती तस्वीर जनपद के खड्डा तहसील से सामने आई है. जहां पिछड़े वर्ग की महिला अधिवक्ता शकुन्तला सिंह को आज भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. महिला अधिवक्ता पर सरकार के नुमाइंदे यानी कानून के रखवाले ही जुल्म ढा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- हाइवे पर मौत का सफरः ट्रक से जा भिड़ी 50 यात्रियों से भरी बस, मची चीख-पुकार, मंजर देख लोगों का मुंह को आ गया कलेजा
अधिवक्ता शकुन्तला सिंह का आरोप है कि उन्हें विधि व्यवसाय करने के लिए तहसील परिसर में चेंबर तक आवंटित नहीं किया जा रहा. मजबूरी में उन्हें धूप और बारिश में खुले आसमान के नीचे बैठकर काम करना पड़ रहा है. पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने आवंटित स्थान पर टीन-सेड डालने की कोशिश की, तो पुलिस कर्मियों ने पहुंचकर उसे उजाड़ दिया. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है. महिला अधिवक्ता ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी खड्डा को लिखित शिकायत दी है और कार्रवाई की मांग की है.
इसे भी पढ़ें- भाजपा सरकार पूरी तरह निकम्मी और…शिवपाल यादव का बड़ा हमला, आजम खां की गिरफ्तारी को लेकर किया बड़ा दावा
उनका कहना है कि उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. वहीं उपजिलाधिकारी खड्डा से इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका सरकारी मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं हो पाया. सवाल यह उठता है कि तहसील परिसर में जहां अवैध रूप से दर्जनों लोगों ने चेंबर पर कब्जा कर रखा है, वहीं एक महिला अधिवक्ता को उसका वैधानिक हक क्यों नहीं मिल रहा? क्या सरकार का “बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ” का नारा महज कागजों और भाषणों तक ही सीमित रह गया है?
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें